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बाड़मेर में चिमोणियों की ढाणी कुंपलिया का एक युवक पिछले दो साल से जिंदगी की जंग लड़ रहा है। यह कुंपलिया के रविंद्र (30) पुत्र अर्जुनराम ढाढी की दस्तान है।

परिवार ने बताया कि वह बाइक पर सवार होकर परेऊ से चिमोणियों की ढाणी घर आ रहा था कि अचानक रास्ते में खेत की बाड़ में लगाए गए लोहे के कंटीले तार से टकराने पर वह गंभीर घायल हो गया था। उसके मुंह के जबड़े में तार घुसने से बड़ा घाव हो गया, जिसने कैंसर का रूप धारण कर लिया। तब से वह परेशान है।

पड़ोसियों ने बताया कि उसने जोधपुर व अहमदाबाद आदि सरकारी अस्पताल में इलाज करवाया,लेकिल अंत में अब चिकित्सकों ने भी हाथ खड़े कर दिए। अब उसका कैंसर अंतिम स्टेज चल रहा है। उसके परिवार में पत्नी और 4 बच्चे हैं। इस परिस्थिति में पूरे परिवार का भार पत्नी पर है, जो अपने पति की देखरेख में लगी हुई है। वहीं कमाने वाला कोई दूसरा सहारा नहीं बचा है। अगर कोई उसकी मदद करे तो अच्छा रहेगा
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इनका कहना है
मेरे पति कैंसर से पीड़ित हैं। जगह-जगह इलाज करवाया। अब चिकित्सकों ने भी हाथ खङे कर दिए हैं। घर में चार बच्चे है, दूसरा कोई कमाने वाला नहीं है। मेरी परेशानी देख कोई भामाशाह या एनजीओ आगे आए।
-रेशमी, पत्नी।
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यह परिवार हमारा पड़ोसी है। रविंद्र का कैंसर अंतिम स्टेज में है। पत्नी रेशमा उसकी देखरेख कर रही है, कमाई का अन्य कोई जरिया नहीं है, बच्चे 8 साल से कम उम्र के हैं।
-धर्मेंद्र डेलू,पड़ोसी

रविंद्र दाढ़ी के कैंसर से जिंदगी की जंग लड़ रहा है। गरीब परिवार है। हर समाज के लोग इनका आर्थिक सहयोग करें व कराएं।
-नाथू खां, बीएलओ परेऊ

Source: Barmer News

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