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बाड़मेर.
राजस्थान में अब जमीन खरीदने वाले खातेदारों को अपनी जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद जमाबंदी में म्यूटेशन दर्ज करवाने को लेकर तहसील व पटवार घरों के चक्कर लगाने से राहत मिलेगी। 14 दिसंबर को राजस्थान सरकार राजस्व विभाग ने आदेश जारी करते हुए रजिस्टर्ड दस्तावेज के आधार पर स्वयं नामकरण भरने की प्रक्रिया शुरू की है। जिसके तहत जमीन के खातेदार को अपनी जमीन रजिस्ट्री करवाने के बाद स्वयं ही ऑटो सॉफ्टवेयर के माध्यम से जमाबंदी में ऑनलाइन म्यूटेशन दर्ज होने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। राजस्व विभाग ने राजस्थान भू राजस्व भू अभिलेख नियम 1957 के 169 एल की प्रावधानों के तहत नई व्यवस्था लागू की है। नियम प्रॉपर लागू होने से किसान व जमीदार खातेदारों को परेशानियों से निजात मिलेगी। राजस्व विभाग कर्मचारी की जानकारी के मुताबिक म्यूटेशन नामांकन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने नामांकन के त्वरित व समयबद्ध निस्तारण करने को लेकर रजिस्टर्ड दस्तावेज के आधार पर कार्य शुरू किया गया है।
सॉफ्टवेयर के माध्यम से दर्ज होगा ऑनलाइन म्यूटेशन
जानकारी के मुताबिक पंजीयन व मुद्रक विभाग में सबरजिस्टार कार्यालय में जमीन बेचान की रजिस्ट्री होने के साथ ई-धरती पोर्टल से म्यूटेशन के दस्तावेज ऑटो बन जाएंगे इसके बाद ऑनलाइन ही रिवेन्यू बोर्ड के रजिस्टर या सबरजिस्टार के सर्वर से ऑटो स्वीकृत कर दिया जाएगा। दस्तावेज स्वीकृत होने के बाद जमाबंदी में ऑनलाइन ऑटो म्यूटेशन दर्ज हो जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में जमीन के खातेदारों को रजिस्ट्री करवाने के बाद पटवारी तहसीलदार ग्राम पंचायत स्तर तक जमीन का म्यूटेशन जमाबंदी में दर्ज करवाने को लेकर चक्कर काटने पड़ रहे थे। जिससे अब नए आदेश के बाद खातेदारों को राहत मिलती हुई नजर आ रही है।
विवादित मामलों को लेकर अभी भी बना संशय
राजस्व के सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा लागू किए गए नए सॉफ्टवेयर में ऑटो जमाबंदी में म्यूटेशन दर्ज होने को लेकर संशय बना हुआ है। जिसमें अभी तक स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिर वाद विवाद वाले खातेदारों की रजिस्ट्री हो जाने की बाद ऑटो में म्यूटेशन दर्ज होगा तो समस्या का समाधान कैसे हो पाएगा, लेकिन कुछ अधिकारियों का मानना है कि आदेश में विभिन्न न्यायालय द्वारा जारी स्थागत आदेश एवं ऋण से प्रभावित कृषि भूमियों का स्वयं नामकरण एवं जमाबंदी में इंद्राज नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई है। जिसके आधार पर ही ऑटो म्यूटेशन होगा।
तयसीमा में नहीं जारी हुआ म्यूटेशन तो सॉफ्टवेयर करेगा ऑटो जेनरेट
जानकारी के मुताबिक जमीन खातेदार जिनकी रजिस्ट्री विरासत या रहन मुक्त या रहन करवाने आदि कार्य का म्यूटेशन खुलवाने के लिए आवेदन को अपना खाता पोर्टल या ई-मित्र के जरिए पेश करना होगा। विरासत के म्यूटेशन ई-मित्र वह अपना खाता पोर्टल से ऑनलाइन ही पटवारी की आईडी पर दिख जाएगा। पटवारी 5 दिनों की तय सीमा में म्यूटेशन जारी नहीं करता है तो ऑटो के माध्यम से तहसीलदार या सरपंच को ऑनलाइन ही भेज देगा। जबकि फॉरवर्ड म्यूटेशन सरपंच 20 दिन में जारी नहीं करने की स्थिति में 20 दिन बाद सरपंच की आईडी से ऑटो सॉफ्टवेयर जारी हो जाएगा। वही तहसीलदार की आईडी पर पहुंच जाएगा। जहां से 7 दिन का निर्धारित समय नहीं जारी होने पर सॉफ्टवेयर ऑटो म्यूटेशन जारी करेगा।
अन्य दस्तावेज वह कार्यालय चक्कर का झंझट होगा क्या खत्म
जमीन की रजिस्ट्री करवाने के बाद खातेदारों को जमाबंदी में अपना म्यूटेशन दर्ज करवाने को लेकर अन्य दस्तावेज तैयार करवाना व जगह-जगह सरकारी कार्यलयों के चक्कर काटने का समाधान इस आदेश के बाद खत्म होता नजर आ रहा है। लेकिन देखने वाली बात होगी कि सरकारी नुमाइंदे आदेश को किस परिधि में लागू करवा पाएंगे या फिर खातेदारों को पूर्व की तरह ही चक्कर काटने पड़ेगे। जानकर बताते है की सरकार का आदेश धरातल पर सही लागू हो जाता है तो जमीन के खातेदारों राहत मिलेगी।

Source: Barmer News

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