दम तोड़ रहे गुलाब सागर की सूरत को एक बार फिर निखारने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। नगर निगम ने 8 माह बाद इसकी सुध ली है। गुलाब सागर की डीपीआर बनाने के लिए आईआईटी के शोधार्थियों को जिम्मेदारी दी थी। डीपीआर तैयार भी हो गई, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। अगर सबकुछ ठीक रहा तो नए साल में गुलाब सागर को ऑक्सीजन मिल जाएगी।
नगर निमग उत्तर के आयुक्त अतुल प्रकाश ने बताया कि गुलाब सागर को फिर से जिंदा करने के लिए आईआईटी के शोधार्थियों की एक टीम तीन अहम मुद्दों पर काम करेगी। सबसे पहले गंदे पानी के स्थायी निराकरण पर काम किया जाएगा। पानी को लगातार पंप आउट किया जाएगा, ताकि साफ जल उपलब्ध हो सके। साथ ही पानी में डिजिटल ऑटो कंट्रोल सेंसर लगाया जाएगा। इसके बाद जैसे ही पानी में ऑक्सीजन लेवल कम होगा या फिर पानी से बदबू आने लगेगी, ये सेंसर टीम को सिग्नल भेज देंगे। इसके बाद ऑटोमेटिक सिस्टम के चलते डिजिटल डिफ्यूजर चालू हो जाएगा। इससे पानी में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ने लगेगा, जिससे बदबू कम होगी और मछलियों को भी नई जिंदगी मिल जाएगी।
पहले इस तरह किया था प्रयास
नगर निगम ने गुलाब सागर के पानी को साफ रखने के लिए एक प्रयोग किया था, जिसके तहत उन्होंने केमिकल बॉल्स को यहां के पानी में डाला था। इससे चमत्कारी असर देखने को मिला। केमिकल बॉल्स के प्रयोग से न सिर्फ गुलाब सागर का पानी साफ हुआ, साथ ही ऑक्सीजन लेवल में भी बढ़ोतरी हुई, लेकिन केमिकल बॉल्स का असर कम होते ही पिछले छह माह से गुलाब सागर में फिर से बदबू आने लगी है। इससे क्षेत्रवासियों का रहना दुश्वार हो गया। मछलियां भी यहां दम तोड़ती नजर आ रही हैं।
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शुरू हुआ सफाई अभियान, क्षेत्रवासी हुए शामिल
सुशासन सप्ताह के तहत शहर विधायक अतुल भंसाली ने रात को यहां पर दौरा किया। गुलाब सागर के आस-पास सफाई अभियान शुरू किया। क्षेत्रीय पार्षद राजेश कच्छवाह सहित क्षेत्रवासियों ने अभियान में भाग लिया। भंसाली ने बताया कि राजस्थान पत्रिका की ओर से गुलाब सागर को सुंदर बनाने के उठाए गए मुद्दे को ध्यान में रखते हुए गुलाब सागर को बेहतरीन पर्यटन स्थल बनाने के लिए कार्य किया जाएगा। क्षेत्रवासियों ने भी शहर विधायक को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि गुलाब सागर की दशा को सुधारा जाए। यहां नियमित रूप से पर्यटक आते हैं, उस लिहाज से भी विशेष ध्यान दिया जाए।
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Source: Jodhpur