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अविनाश केवलिया

जिले का लूणी रेलवे स्टेशन। यहां ट्रेन रुकती है तो ट्रॉली नम्बर 25 पर आपको रसगुल्ले व अन्य सामान बेचते मिलेंगे अशोक भाटी। उम्र 68 साल है, लेकिन हौसला 18 साल के नौजवान जैसा। अब तक 28 से ज्यादा डिग्री व डिप्लोमा हासिल कर चुके अशोक भाटी लूणी में 11वीं के बाद आगे की पढ़ाई के लिए जोधपुर आए। यहां बीकॉम व एलएलबी किया। उनकी नौकरी बैंक में लग गई, लेकिन काफी हार्ड वर्क था और 14 घंटे काम करना पड़ता था, तो उन्होंने नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वे अपने पिता के साथ पुश्तैनी काम रसगुल्ला बनाने में लग गए।

1980 में पहले पिता के साथ और फिर पिता के देहांत के बाद खुद ही रेलवे स्टेशन की इस ट्रोली को संभाल रहे हैं। भाटी बताते हैं कि 2003 में उन्होंने बीजेएमसी की डिग्री कोटा खुला विश्वविद्यालय से की थी। यह उनकी तीसरी डिग्री थी। तब वे गोल्ड मैैडलिस्ट थे और राज्यपाल के हाथों उन्हें सम्मानित किया गया था। उस कार्यक्रम में उनको राजस्थानी लेखिका लक्ष्मी देवी चूडावत मिलीं, जो कि उस समय 87 साल की थीं। उन्हें दो आदमी पकड़ कर लाए थे और उन्हें पीएचडी की डिग्री मिली थी। तभी से उन्होंने ठान लिया था कि वे शिक्षा का यह साथ जीवन पर्यन्त बनाए रखेंगे।

अभी जारी है सफर: भाटी कहते हैं कि वे पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल डवलपमेंट पास कर चुके हैं और प्रोजेक्ट सबमिट करने के बाद औपचारित रूप से उनकी 29वीं डिप्लोमा डिग्री आ जाएगी।

ये डिग्रियां व डिप्लोमा हैं भाटी के पास
बेचलर डिग्रियां- बीकॉम, एलएलबी, बीजेएमसी।

मास्टर डिग्रियां- एमकॉम, एमए पॉलिटिकल साइंस, एमए सोशियोलॉजी, एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एमए इतिहास।

पीजी डिप्लोमा- पीजी डिप्लोमा इन ह्मूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, पीजी डिप्लोमा इन गांधियन नोन वायलेंट कॉन्फलिक्ट, पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग, पीजी डिप्लोमा इन वेल्यू एजुकेशन एंड स्पीरिचुअलिटी, पीजी डिप्लोमा इन योगा साइंस।

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डिप्लोमा- डिप्लोमा इन लेबर लॉ एंड प्रेक्टिस, डिप्लोमा इन टेक्सेशन लॉ एंड प्रेक्टिस, टूरिज्म एंड होटल मैनेजमेंट, वाटरशेड मैनेजमेंट, सोशल प्रोब्लम इन राजस्थान, न्यूट्रीशिसन एंड हेल्थ एजुकेशन, टूरिज्म मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन मैनेजमेंट, कल्चरल टूरिज्म, डिप्लोमा इन अप्रभाषा लैंग्वेज, जनरल एग्रीकल्चर, डिप्लोमा इन प्राकृत लैंग्वेज, लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन साइंस, नेचुरोपैथी साइंस, डिप्लोमा इन योगा साइंस।

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Source: Jodhpur

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