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बाड़मेर से पूर्व विधायक मेवाराम जैन व रामस्वरूप आचार्य के खिलाफ राजीव गांधी नगर थाने में दर्ज सामूहिक बलात्कार व नाबालिग से छेड़छाड़ और बलात्कार के मामले की जांच पीड़िताओं के बयानों पर टिकी है। पुलिस तीनों पीड़िताओं के कोर्ट में मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज करवा चुकी है। अब इन बयानों पर ही मामले की जांच टिकी है। फिलहाल पुलिस बयानों के संबंध में कुछ भी कहने से कतरा रही है।

दरअसल, गत 20 दिसम्बर को 35 वर्षीय महिला ने पूर्व विधायक मेवाराम जैन व रामस्वरूप आचार्य के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। पीड़िता ने नाबालिग पुत्री से भी छेड़छाड़ और सहेली के नाबालिग होने के दौरान बलात्कार करने के आरोप लगाए थे। एफआइआर में सात अन्य के खिलाफ पीड़िताओं को डराने व धमकाने और ब्लैकमेलिंग करने के लिए अश्लील वीडियो बनाने की स्वीकारोक्ति का वीडियो बनाने का आरोप लगाया गया था।

पुलिस ने मौका नक्शा बनाने के साथ ही पीड़िताओं के बयान लिए थे और मेडिकल करवाया था। तत्श्चात तीनों पीड़िताओं के सीआरपीसी की धारा 164 में भी बयान दर्ज करवाए थे। इनकी आधार पर पुलिस अग्रिम जांच कर रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो बयानों के आधार पर अग्रिम कार्रवाई होगी। पीड़ितों में दो नाबालिग भी हैं। ऐसे में पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच चल रही है और जल्द ही पूरी कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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इससे पहले भाजपा ने आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया पर करीब 33 मिनट का वायरल वीडियो पूर्व विधायक मेवाराम जैन का है। इधर, पूर्व विधायक जैन का मोबाइल स्विच ऑफ है। केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने इस मामले में निष्पक्ष जांच करवाने की बात कही है। चौधरी ने आरोप लगाया कि वायरल वीडियो और दर्ज मामले के बाद पूर्व विधायक का चरित्र सामने आया है।

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Source: Jodhpur

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