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राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा है कि समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद को लेकर राज्य सरकार का क्या रुख है। कोर्ट ने अगली सुनवाई 5 फरवरी को मुकर्रर की है। न्यायाधीश विजय बिश्नोई तथा न्यायाधीश राजेंद्र प्रकाश सोनी की खंडपीठ में याचिकाकर्ता किसान वेलफेयर सोसायटी की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार ने चुनावों के दौरान अपने संकल्प पत्र को हाल ही कैबिनेट की बैठक में नीतिगत दस्तावेज के तौर पर स्वीकार किया है। इस संकल्प पत्र में बाजरा की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का वादा किया गया था। खंडपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित को कैबिनेट के निर्णय के तथ्य का सत्यापन करवाने को कहा है।

बाजरा खरीद पर पूर्व कांग्रेस सरकार ने जताई थी असमर्थता

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीद को लेकर यह कहते हुए असमर्थता जताई थी कि खरीद के बाद बाजरा की सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी योजनाओं में वितरण की कोई मांग नहीं है। केंद्र सरकार इसी शर्त पर अनाज खरीद खर्च का पुनर्भरण करने को रजामंद है कि खरीद किया गया अनाज सार्वजनिक वितरण प्रणाली में वितरित किया जाए। जबकि दो दर्जन से ज्यादा जिलों के रसद अधिकारी बाजरा की मांग को शून्य बता चुके हैं।

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पूर्ववर्ती सरकार ने पल्ला झाड़ा था

पूर्ववर्ती सरकार ने बाजरा की उम्र कम होने, भंडारण की समस्या, अन्य राज्यों से मांग नहीं होने तथा भंडारण के दौरान नुकसान की केंद्र से कोई भरपाई नहीं होने की दलील देकर भी समर्थन मूल्य पर खरीद से पल्ला झाड़ा था।

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Source: Jodhpur

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