लोकसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों ही मुख्य दलों में अब सरगर्मियां तेज होने लगी है। चेहरों का चुनाव अभी दूर है, लेकिन एक चेहरे पर अभी दोनों ही दल एकराय नही है। रायशुमारी के इस दौर में अभी दोनों ही दलों की अलग-अलग स्थिति है।
कांग्रेस : विधानसभा 2023 के चुनावों में कांग्रेस ने बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय क्षेत्र की आठ सीट में से केवल एक बायतु में जीत हासिल की है। शेष सीटें कांग्रेस के हाथ से खिसक गई। कांग्रेस के लिए अब लोकसभा में गणित बैठाना बड़ा सवाल बना हुुआ है। कांग्रेस से पिछला लोकसभा का चुनाव मानवेन्द्रसिंह ने लड़ा था और बड़े अंतराल से हार गए थे।
मानवेन्द्रसिंह- अब मुश्किल
मानवेन्द्र सिवाना से विधानसभा का चुनाव लड़े और तीसरे नंबर पर रहे। विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री के चुनाव के बाद मानवेन्द्र ने कई बार यह संकेत दिए है कि अब वे भाजपा में जा सकते है। ऐसे में मानवेन्द्र के लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने की संभावनाएं कम हैै।
हरीश चौधरी- पशोपेश
बायतु से विधायक चुने गए है। हरीश चौधरी की लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा पिछली बार भी थी, लेकिन उनको बैकफुट पर आना पड़ा था। केन्द्र की राजनीति में नजदीक, देश के कद्दावर कांग्रेस लीडरशिप में आ चुके हरीश चौधरी लोकसभा का चुनाव के प्रत्याशियों में शुमार है, यह अलग बात है कि विधायकी को छोड़कर अब वे सांसद चुनाव लड़ने का गणित अपने पक्ष में मानेंगे या नहीं?
हेमाराम चौधरी-अंदरखाने चर्चा
विधानसभा चुनावों में युवाओं को अवसर देने की बात कहकर हेमाराम चौधरी ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। हेमाराम सांसद के चुनाव के लिए कांग्रेस में अंदरखाने में चर्चा में है।
भाजपा : भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनावों में बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र से जैसलमेर, गुड़ामालानी, पचपदरा, चौहटन और सिवाना पांच सीट जीती हैै। बाड़मेर और शिव में निर्दलीय जीत आए। लोकसभा क्षेत्र में भाजपा की स्थिति ठीक रही है। भाजपा लोकसभा चुनावों में 2014 व 2019 लगातार जीती है।
कैलाश चौधरी- मौजूदा सांसद हैै। केन्द्र में कृषि राज्यमंत्री है। चौधरी के लिए इस बार भी लोकसभा से चुनाव लड़ने की स्थिति सबसे ज्यादा दावेदारी की है, यदि केन्द्र बदलाव नहीं चाहे।
सांगाराम जांगिड़-सेल्फ प्रोजेक्ट
तमिलनाडु के डीजीपी पद से सेवानिवृत्त हुए सांगाराम जांगिड़ सांसद चुनावों को लेकर सेल्फ प्रोजेक्ट कर रहे है। वे लगातार सक्रियता से कार्यक्रमों का आयोजन, संपर्क और खुद की दावेदारी को लेकर आगे आए है।
कई और नाम
इधर भाजपा में कई और नाम भी है जो अंदरखाने इस प्रयास में लगे है कि उनका नंबर लगे तो तैयारी में है।
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अप्रत्याशित रहे है नाम- फ्लैशबैक
2009- कांग्रेस ने युवा हरीश चौधरी को अप्रत्याशित उतारा, जीतकर सांसद बने
2014- भाजपा ने जसवंतसिंह को टिकट नहीं दिया, कांग्रेस से भाजपा में आए कर्नल सोनाराम को चुनाव लड़ाया, कर्नल सांसद बने
2019- भाजपा में चल रही काफी जद्दोजहद के बीच में बायतु से चुनाव हारकर तीसरे नंबर पर रहे कैलाश चौधरी को टिकट मिला और रेकार्ड मतों से जीते
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Source: Barmer News