रतन दवे
CAA Rules : पश्चिमी सीमा के बाड़मेर जैसलमेर का पाकिस्तान से रोटी-बेटी का रिश्ता है। सरहद ने लकीर खींच ली लेकिन रिश्तों की डोर नहीं टूटी है। सीएए लागू होने की खबर ने ही हिंद से लेकर सिंध तक खुशी का संचार किया है। 11 साल से भी लंबे समय से इंतजार कर रहे कई हिंदू विस्थापितों को भारतीय नागरिकता की राह आसान हुई है। बाड़मेर में 45 आवेदन लंबित है। यहां बसे 70 हजार पाक हिंदू खुश है।
तीन भाई बहनों के घर आई खुुशी
बाड़मेर कलेक्ट्रेट में तीन भाई-बहनों सवार्ई सिंह, जेतमालसिंह व गुड्डीबाई को आवेदन किया है। पाकिस्तान से आए हुए 11 साल से अधिक का समय हो गया है। इन तीनों को अब उम्मीद जगी है कि उन्हें भारतीय नागरिकता मिल जाएगी।
नेपाल के लिए खुलेगा भारतीय बनने रास्ता
बाड़मेर के ही दानजी की होदी में रहने वाला नेपालसिंह अकेला भारत आया। उसको दस्तावेजों की कमी के कारण काफी समय तक इंतजार करना पड़ा। अब वह भारतीय नागरिकता आसानी से पा सकेगा।
थार के 4 साल के यात्री कर रहे यह मांग
बाड़मेर से पाकिस्तान के बीच में थार एक्सप्रेस का संचालन हो रहा था, जिसे 2018 में बंद कर दिया गया। अधिसूचना के संशोधन में दिसंबर, 2014 से पहले आए लोगों को नागरिकता मिलनी है। ऐसे में 2014 से 2018 के बीच में हर हफ्ते आने वाली थार एक्सप्रेस में बड़ी संख्या में पाक से हिंदू आए थे। इन लोगों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। इनकी मांग है कि 2014 की इस तारीख को बढ़ाकर अब तक कर दिया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोगों को फायदा मिल सके।
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ऑन फुट वीजा दिया जाए
बाघा बॉर्डर पर ऑन फुट वीजा मिल रहा है। पाकिस्तानर में खोखरापार और बाड़मेर के मुनाबाव में इमीग्रेशन प्वाइंट रहे है। इनको प्रारंभ कर ऑन फुट वीजा दिया जाए तो बिना थार एक्सप्रेस के भी दोनों ओर से लोगों का आना जाना बस से संभव हो सकता है।
स्वागत के साथ मांग
सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने कहा कि यह पाक विस्थापित हिन्दू परिवारों के लिए बहुत ही खुशी की बात है। इसमें 2014 तक के लिए लागू नियम में संशोधन की मांग है। इसके अलावा ऑन फुट वीजा, थार एक्सप्रेस को प्रारंभ किया जाए।
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Source: Barmer News