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बाड़मेर. राज्य सरकार की ओर से साल 2020 के पेश किए जाने वाले बजट को लेकर हर वर्ग अपने लिए कुछ विशेष रियायत व सुविधाएं चाहता है। बजट को लेकर आम लोगों में उत्सुकता रहती है कि हमें क्या मिलेगा। राज्य सरकार के आगामी बजट से व्यापारियों को क्या उम्मीद है, उनकी क्या जरूरतें हैं और कौनसे टैक्स में छूट मिलनी चाहिए आदि मुद्दों पर उनकी राय जानी गई। राजस्थान पत्रिका की ओर से बुधवार को मंडी परिसर में आयोजित परिचर्चा में व्यापारियों ने अपनी बात रखी।

प्राथमिकता में शामिल होनी चाहिए मांगे

गत बजट में व्यापारियों की झोली खाली रही थी, इस बार राज्य बजट से राहत को लेकर काफी उम्मीदें है। मंदी झेल रहे व्यापारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगों को प्राथमिकता में शामिल करते हुए राहत दें। जिससे व्यापारी मंदी की स्थिति से उबर सकें। पिछले बजट को लेकर भी कोई बड़ी घोषणा व्यापारी वर्ग के लिए नहीं की गई। इसलिए इस बार उम्मीदें ज्यादा है।

व्यापारियों की बात में ये मुद्दे रहे प्रमुख

– कृषि मण्डी टैक्स हटाया जाए

– मंडी व्यापारियों से नगरीय टैक्स गलत
-जीरा मण्डी अब तक अधरझूल

-शक्कर-घी पर टैक्स से मिले निजात
– जीरा व ईशबगोल पर टैक्स खत्म करें

– मण्डी बोर्ड को मिले अधिकार
-आवंटन नीति में परिवर्तन जरूरी

– रिजर्व भूमि पर नहीं बने उद्योग

व्यापारियों ने यह कहा…

-कृषि मण्डी टैक्स हटाया जाए। तभी राहत मिलेगी और व्यापार को गति मिलेगी। यह टैक्स व्यापारियों से बेवजह वसूल किया जा रहा है। इससे व्यापारियों के साथ आमजन पर भार पड़ता है।

– हंसराज कोटडिय़ा, व्यापारी

-कृषि मण्डी परिसर में नगर परिषद की सुविधाएं कुछ भी नहीं है। मण्डी प्रशासन एक अलग इकाई है। इसके बावजूद नगर परिषद नगरीय यूडी टैक्स वसूल कर रही है। इसे बजट में समाप्त करना चाहिए।

– संपतराज छाजेड़, व्यापारी

बाड़मेर में जीरा मण्डी महज सपना बनकर रह गई है। सरकार मण्डी को लेकर प्रयास करें। बाड़मेर में जीरा मण्डी नहीं होने पर किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। किसान जीरे की बिक्री गुजरात जाकर कर रहे हंै।

– कपिल संखलेचा, व्यापारी

-शक्कर व घी कृषि उत्पादन नहीं है। इसके बावजूद राजस्थान में टैक्स वसूला जा रहा है। जबकि अन्य प्रदेशों में घी व शक्कर पर कोई टैक्स नहीं है। यह टैक्स हटाकर सरकार व्यापारियों के साथ आमजन को राहत प्रदान करें।

– गौतम चमन, व्यापारी

-वर्तमान समय में मण्डी बोर्ड के पास काम करवाने के अधिकार नहीं है। सरकार राज्य बजट में घोषणा कर व्यापारियों को राहत प्रदान कराएं। अधिकार मिलने पर मण्डी बोर्ड परिसर में कई तरह के विकास करवा सकेगी।

– वीरचंद वडेरा, व्यापारी

-सरकार जीरा व ईशबगोल पर टैक्स वसूल कर रही है। जबकि यह कृषि उत्पादन नहीं है। इसलिए कृषि मण्डी टैक्स से मुक्त किया जाए। सम्पूर्ण मण्डी कर से मुक्त किया जाए ताकि व्यापारी वर्ग को राहत मिल सके।

– संजय बोथरा, व्यापारी

– कृषि उपज मण्डी आवंटन नीति 2005 में परिवर्तन करते हुए मण्डी में ज्यादा टैक्स अदा करने वाले व्यापारियों के लिए यार्ड में गोदाम की व्यवस्था की जाए। इससे व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी।

– मदन बोथरा, व्यापारी

-मण्डी परिसर में रिजर्व भूमि व्यापारियों के लिए आरक्षित रखी जाए। यहां उद्योग नहीं बनाएं। उद्योग बनने से व्यापारी वर्ग को नुकसान होता है। उद्योग व फैक्ट्री को औद्योगिक क्षेत्र में बनाना चाहिए। यह परिवर्तन होना चाहिए।

– धन्नाराम माली, व्यापारी

Source: Barmer News

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