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बाड़मेर. घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज को बाड़मेर आगार में और भी ज्यादा घाटा झेलना पड़ रहा है। यहां पर रोडवेज के नाम पर होने वाली कमाई अनुबंधित बसों को जा रही है। नियमों को धत्ता बताकर रोडवेज से ज्यादा अनुबंधित बसों का संचालन हो रहा है।

ऐसे में जहां अनुबंधित की चांदी हो रही है तो दूसरी और रोडवेज को राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। इसके बाद भी विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

रोडवेज कम अनुबंधित ज्यादा

बाड़मेर आगार में रोडवेज की 33 बसों का संचालन हो रहा है। जबकि रोडवेज से ज्यादा 39 अनुबंधित सड़कों पर दौड़ रही है। ऐसे में रोडवेज की अपेक्षा अनुबंधित को अधिक यात्री भार मिल रहा है। जबकि यात्री रोडवेज की बसों में सफ र करने के लिए आते हैं। जिम्मेदारों की ओर से अनदेखी बरती जा रही है।

नियमों को दिखा रहे अंगूठा

विभाग की जारी गाइड लाइन के अनुसार रोडवेज आगार में लगभग 65 प्रतिशत रोडवेज बसों का संचालन होना चाहिए। वहीं 35 प्रतिशत के करीब अनुबंधित बसों का संचालन किया जा सकता है। जबकि बाड़मेर में नियमों के विपरीत बसों का संचालन हो रहा है।

कार्मिकों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा

आगार में रोडवेज के स्थान पर अनुबंधित बसों का अधिक संचालन होने के कारण आगार के चालकों पर नौकरी का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में अधिकांश चालकों को अन्य जिलों में भेजा जा रहा है। जबकि उनकी ड्यूटी बाड़मेर में है।

कार्मिकों ने जताया विरोध

अनुबंधित के स्थान पर रोडवेज के संचालन की मांग को लेकर राजस्थान स्टेट रोडवेज एम्पलाइज यूनियन एटक ने उच्च अधिकारियों को अवगत भी करवाया। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

अधिकारियों को पत्र लिखा है

आगार में रोडवेज की बजाय अनुबंधित बसे अधिक है। इसको लेकर उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है। रोडवेज की बसों की मांग की गई है।
उमेश नागर, मुख्य प्रबंधक बाड़मेर आगार

Source: Barmer News

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