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बाड़मेर. प्रदेश सरकार के समर्थन मूल्य पर मंूग खरीदने की घोषणा मगर देरी से तुलाई शुरू करने पर किसानों के लिए यह निर्णय छलावा ही साबित हुआ। इस पर नाममात्र किसानों ने समर्थन मूल्य पर मूंग बेचे। समर्थन मूल्य से अब बाजार भाव तेज होने पर किसान खरीद केन्द्र पर पहुंच नहीं रहे हैं, जबकि अभी भी खरीद की प्रक्रिया जारी है।

सरकार के समर्थन मूल्य 7050 रुपए प्रति क्ंिवटल घोषित कर राजफेड के माध्यम से मंूग खरीदने की घोषणा करने पर किसानों ने खुशी जताई। क्योंकि उस समय मूंग के बाजार भाव 6300 से 6400 रुपए प्रति क्ंिवटल थे, लेकिन सरकार ने घोषणा के बाद तुलाई कार्य में शीघ्र दिलचस्पी नहीं दिखाई। प्रदेश में केवल कोटा में एक नवम्बर को तुलाई शुरू की, शेष स्थानों पर एक पखवाड़ा बाद तुलाई शुरू की। बाजार भाव से समर्थन मूल्य कीमत अधिक होने के बावजूद पारिवारिक खर्च, मांगलिक आयोजनों में रुपयों की जरूरत पर किसानों ने स्थानीय स्तर पर बाजार भाव में मंूग बेचे। समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए रजिस्टे्रशन की अनिवार्यता, बिक्री का समय निर्धारित होना, देरी से भुगतान आदि को लेकर अधिकांश किसानों ने औने-पौने दामों पर स्थानीय स्तर पर मंूग बेचे। इस पर बालोतरा कृषि मण्डी स्थित समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर तुलाई के लिए नाममात्र मंूग पहुंचे।
2019 क्ंिवटल मूंग की आया -सरकार की घोषणा पर बालोतरा कृषि उपज मण्डी समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर 18 नवम्बर को तुलाई शुरू हुई, जबकि रुपयों की जरूरत पर अधिकांश किसान पहले ही स्थानीय स्तर पर मंूग बेच चुके थे। 6 जनवरी को केन्द्र पर आखिरी तुलाईकी गई। अब तक नाममात्र 153 किसानों ने 2019 क्ंिवटल मंूग खरीद केन्द्र पर बेचे।

बाजार भाव बढ़े, खरीद घटी- जनवरी शुरू होने के साथ मंूगों के भावों में बढ़ोतरी पर किसानों ने खरीद केन्द्र से मुंह ही मोड़ लिया। बाजार में इन दिनों मंूग के भाव 7300 से 7400 रुपए प्रति क्ंिवटल है, जो समर्थन मूल्य कीमत से प्रति क्ंिवटल 250 से 350 रुपए अधिक है। इस पर अब किसान समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर मंूग लेकर नहीं पहुंच रहे हैं, जबकि सरकार की घोषणा के अनुार 31 जनवरी तक मूंग की तुलाई की जानी है।

Source: Barmer News

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