बाड़मेर. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि आज हम बाड़मेर में गांवों के दौरे पर थे, तब एक किसान परिवार ने दु:खी होते बताया कि यही फसल है जिस पर हमारी सब की जान अटकती है। इसी फसल पर परिवार निर्भर है। जब टिड्डी दल आया तो थाली बजाकर भगाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक फसलें बर्बाद हो गई और राज्य सरकार टिड्डी नियंत्रण में पूरी तरह विफल रही। उस वक्त किसान निम्बाराम को फसल खराबें की चिंता हुई और दिल का दौरा पडऩे से मौत हो गई। बाड़मेर-जैसलमेर में दिसंबर में टिड्डी दल का हमला हुआ, लेकिन सरकार नियंत्रण नहीं कर पाई।
राजे ने बुधवार देर शाम यहां प्रेसवार्ता में कहा कि 55 हजार किसानों को नुकसान हुआ है। जैसलमेर में 15 हजार किसानों को नुकसान हुआ है। किसानों की फसलें बर्बाद होने के बावजूद तत्काल गिरादवरी करने में सरकार ने देरी बरती। किसानों को नुकसान का मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के वक्त आपदा हुई थी, तब विधानसभा का सत्र रोककर किसानों को महज 15 दिन में मुआवजा दिलाया था।
बजट आने में विलंब हो रहा
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री खुद दौरा कर के गए, इसके बावजूद बजट आवंटन में देरी हुई है। हालांकि कुछ-कुछ खातों में पैसा आया है। किसान कह रहे हंै कि जो नुकसान का मुआवजा मिलना था, वह नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बाड़मेर को 20.47 करोड़ व जैसलमेर 25 करोड़ का बजट मिलना था, लेकिन आने में विलंब हो गया है।
फसलों की बर्बादी पर ध्यान दें
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि टिड्डी दल का हमला अभी तक जारी है। किसानों की फसलों की बर्बादी पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। टिड्डी से आसानी से छुटकारा नहीं मिलना है। टिड्डी नियंत्रण के लिए किसानों के ट्रैक्टर लगा दिए, लेकिन उनको भुगतान नहीं मिला है। इससे किसानों को दोहरी मार पड़ी है। भाजपा किसानों के साथ है। टिड्डी दल का मामला दिल्ली तक ले जाएंगे। भाजपा पूरजोर मांग कर किसानों को मुआवजा दिलाने का काम करेगी। राष्ट्रीय आपदा घोषित करना भी जरूरी है, आने वाले समय के लिए इसे लागू करना आवश्यक है।
Source: Barmer News