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ओम माली

बाड़मेर. जनाब का नाम है ओमप्रकाश दवे..। उम्र 68 साल की है..। इनका दिल धड़कता है लेकिन इधर (बांयी ) नहीं उधर ( दांई) ओर..। है न हैरत की बात…।

चिकित्सक मानते है कि एेसा रेयर मामलों में होता है। ओमप्रकाश कहते हैं कि दिल दूसरी तरफ होने के कारण ही आज वे जिंदा है वरना एक दुर्घटना में उनकी जान चली गई होती। वेलेन्टाइन डे पर ओमप्रकाश हंसते हुए कहते है अपना दिल कुछ अलग है…।

बाड़मेर शहर के कल्याणपुरा में रहने वाले ओमप्रकाश शहर के वांकला माता मंदिर के पुजारी है। वे बताते है कि 10 साल की उम्र में खांसी बढ़ी तो चिकित्सक को दिखाने गए तो उन्होंने स्टेथोस्कॉप लगाने के बाद हैरत जताई कि धड़कन क्यो नहीं है?, फिर दूसरी तरफ देखा तो दिल धड़क रहा था…पहली बार तभी पता चला।

दुर्घटना में जान बच गई

ओमप्रकाश बताते है कि 18 साल की उम्र में बाड़मेर शहर में सड़क पार कर रहे थे। मिनी ट्रक ने टक्कर मार दी। जिससे दोनों हाथ फ्रेक्चर हो गए और दांई तरफ की पसलियां भी टूट गई।

राजकीय अस्पताल बाड़मेर लाए तो यहां पर चिकित्सकों ने दिल की धड़कन नहीं देखते हुए चिंता में पड़ गए, तभी परिजनों ने कहा कि इनका दिल इधर नहीं उधर है। तब तत्काल उपचार शुरू किया। ओमप्रकाश कहते हैं कि दिल उधर होने से ही मैं बच गया…।

केवल खांसी की शिकायत

दिल दाई तरफ होने से खांसी की शिकायत लगातार रहती है, इसके अलावा कोई परेशानी नहीं है। खुशमिजाज एवं हंसी ठहाके लगाते रहते हैं।

बहुत ही रेयर होते हैं ऐसे मामले

चिकित्सा विज्ञान बताता है कि विश्व की जनसंख्या में केवल 0.01 प्रतिशत में ही ऐसे मामले देखने को मिलते हैं। जिनमें मानव में हृदय बाएं की बजाय दाहिनी तरफ होता है।

Source: Barmer News

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