बाड़मेर. अब जल्द की सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन नजर आएंगे। यहां उगाई जाने वाली ताजी सब्जियां मिड-डे-मील में बच्चों को परोसी जाएंगी। इससे बच्चों का पोषण बेहतर होगा। वहीं विभाग को बाहर से सब्जी खरीदने का खर्च भी बच जाएगा।
सरकारी स्कूलों में मिड-डे-मील (एमडीएम) के मैन्यू में अभी तीन दिन रोटी के साथ सब्जी के लिए सब्जी बाजार से खरीदनी पड़ती है। इसका खर्च एमडीएम में आने वाले खाद्यान्न से अलग होता है। ऐसे में इस खर्च को बचाने के साथ बच्चों को ताजी सब्जियां एमडीएम में उपलब्ध करवाने को लेकर स्कूल परिसर में किचन गार्डन स्थापित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
सभी स्कूलों में बनेंगे किचन गार्डन
प्रदेश के सभी स्कूलों में जहां पर विकेंद्रीकृत रसोईघर है, वहां परिसर में किचन गार्डन बनाना है। स्कूल परिसर में भूमि नहीं होने पर पुराने बर्तन, कंटेनर, लकड़ी की पेटी, सिरेमिक, आटे का थैला आदि में मिट्टी भरकर बीज रोपण कर सब्जियों का उत्पादन करना है।
ताजी सब्जियां उपलब्ध करवाना है उद्देश्य
एमडीएम में बच्चों को ताजी व हरी सब्जियां मिले, इसी उद्देश्य को ध्यान में रखा गया है। अधिकांश स्थानों पर सब्जियां नहीं मिलने के कारण किचन गार्डन स्थापित होने से स्कूलों में एमडीएम के लिए सब्जी की समस्या नहीं आएगी।
दूध के बाद अब ताजी सब्जियां
स्कूलों में एमडीएम शुरू किए जाने के बाद कुछ समय पहले इसमें दूध जोड़ा गया था। प्रार्थना के बाद बच्चों को गर्म दूध दिया जा रहा है। अब किचन गार्डन स्कूल में बन जाने से बच्चों का खाने में ताजी सब्जियां मिलने से उनका और अधिक पोषण होगा।
किचन गार्डन के भेजने होंगे फोटो
स्कूल में किचन गार्डन स्थापित करने के बाद उसकी संपूर्ण जानकारी के साथ फोटोग्राफ भी विभाग को भेजने होंगे। मिड-डे-मील आयुक्त की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक व प्रारंभिक शिक्षा को निर्देश जारी कर स्कूलों में किचन गार्डन स्थापित करने का कहा गया है।
कई स्कूलों में उद्यान है विकसित
जिले की कई स्कूलों में पौधरोपण कर उद्यान विकसित किए गए हैं। ऐसे में इन स्कूलों में किचन गार्डन आसानी से स्थापित हो सकेंगे। यहां पर किचन गार्डन की देखरेख भी उद्यान के साथ हो जाएगी।
मिड-डे-मील का मैन्यू
वार मैन्यू
सोमवार रोटी – सब्जी
मंगलवार चावल एवं दाल अथवा सब्जी
बुधवार रोटी – दाल
गुरुवार खिचड़ी (दाल,चावल, सब्जी आदि युक्त)
शुक्रवार रोटी – दाल
शनिवार रोटी – सब्जी
(सप्ताह में एक दिन मांग अनुसार भोजन तथा मौसम अनुसार फल देना भी अनिवार्य है)
Source: Barmer News