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ओम बडग़ुर्जर/जोधपुर. जोधपुर डिपो के वर्कशॉप की हालत इन दिनों खस्ताहाल है। डिपो की 123 बसों की मरम्मत के लिए स्वीकृत मैकेनिकों के 70 प्रतिशत से अधिक पद पिछले काफी समय से रिक्त हैं। ऐसे में समय पर बसों की मरम्मत नहीं हो पाती है। जिससे प्रबंधक को रूट के कई शेड्यूल रद्द करने पड़ते है। नतीजन, यात्रियों को कई रूटों पर रोडवेज सुविधा समय पर नहीं मिलती तो डिपो को भी राजस्व हानि उठानी पड़ रही है। लेकिन सबकुछ जानते हुए भी मुख्यालय रिक्त पदों पर कार्मिक नियुक्त करने को लेकर कुछ नहीं कर रहा।

कम करने पड़े शेड्यूल
जोधपुर के भदासिया के निकट जोधपुर डिपो की वर्कशॉप स्थित है। जहां डिपो की बसों की प्रतिदिन व प्रतिमाह की सर्विस का कार्य होता है। बसों की समय पर मरम्मत हो, रूट प्रभावित न हो इसके साथ ही जिन बसों में तकनीकी कमी हो वे रूट पर न जाए इसकी देखरेख के लिए मैनेजर ऑपरेशन (एमओ) संजय जांगिड़ को लगा रखा है। लेकिन हकीकत यह है कि मैकेनिकों की कमी के चलते समय पर कई बसों की मरम्मत नहीं हो रही। जिसके चलते रोडवेज की कई बसें तय शेड्यूल के चलते रूट पर नहीं चल रही। वर्तमान में 108 शेड्यूल की जगह जोधपुर डिपो की बसें 104 शेड्यूल ही चल पा रही है। जिससे डिपो को राजस्व हानि उठानी पड़ रही है साथ ही यात्रियों को भी जालोर, तिंवरी-मथानिया, भोपालगढ़ रूट पर बसें कम मिल रही है।

पाट्र्स की सप्लाई भी हो रही बाधित
बसों के कई पाट्र्स की सैंट्रल वर्कशॉप से समय पर सप्लाई नहीं हो रही। ऐसे में बसों की मरम्मत का कार्य  भी प्रभावित हो रहा है। बसों के सेल्फ अलटिनेटर सहित कई पाट्र्स की सप्लाई  इन दिनों प्रभावित हो रही है। मैकेनिकों को मजबूरी में रूट पर जाने वाली बसों में दूसरी बसों से कई  बार पाट्र्स निकालकर लगाने पड़ रहे है।

वर्कशॉप में मैकेनिकों की स्थिति
पद — स्वीकृत —- कार्यरत
प्रथम श्रेणी मैकेनिक 21—-0
द्वितीय श्रेणी मैकेनिक 33—06
तृतीय श्रेणी मैकेकिन 41—-21

Source: Jodhpur

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