अमित दवे/जोधपुर. लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद लोगों की परेशानी कम होने की बजाए बढ़ गई है। परिवहन विभाग कार्यालय में लाइसेंस बनवाने आने वाले आवेदकों के महिनों बाद तक लाइसेंस नहीं बन रहे है। लोगों को चक्कर काटने पड़ रहे है। इससे दूरदराज से आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परिवहन विभाग के मुताबिक कार्यालय में रोजाना 130 लाइसेंस बनाए जाते है। लाइसेंस से जुड़े तमाम दस्तावेज की ऑनलाइन जांच होती है। मैन्युअल काम लगभग बंद हो चुका है। इसके बाद भी हाथों-हाथ देने की बजाए लाइसेंस कई सप्ताह तक जारी नहीं होते हैं। कभी खराब प्रिंटर तो कभी स्टाफ की कमी का बहाना बनाकर आवेदकों को टाल दिया जाता है।
प्रदेश में सारथी सॉफ्टवेयर से बन रहे लाइसेंस
प्रदेश में सारथी सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोगों के लाइसेंस बन रहे हैं। जोधपुर में सुबह आठ बजे लर्निंग लाइसेंस का स्लॉट खुलता है और दस मिनट में ही बंद हो जाता है। आगामी दिनों की तारीख भी नहीं मिल रही है क्योंकि आगामी दिनों के स्लॉट जोधपुर में बंद मिल रहे हैं। ऐसे में आवेदकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। सूत्रों ने बताया कि कुछ लोग अपने फ ायदे के लिए अधिकारियों से सांठगांठ करके निश्चित समय के लिए स्लॉट खुलवाकर अपने चहेतों के आवेदन बुक करके चांदी काट रहे हैं।
जोधपुर में क्यों है बंद स्लॉट ?
लर्निंग के लिए आवेदकों को एक से डेढ़ महिने बाद की तारीख मिल रही है। स्थाई लाइसेंस के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार तो बने बनाए लाइसेंस डाक से मिलने में महिनों लग जाते हैं। जबकि जयपुर में जोधपुर से कई गुणा अधिक लाइसेंस जारी होने के बावजूद वहां 15 से 20 दिन बाद की तारीख लोगों मिल रही है। स्थाई लाइसेंस भी तुरंत जारी हो रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जब तक विभाग की ओर से स्लॉट नहीं बढ़ाए जाएंगे यह परेशानी बनी रहेगी।
इनका कहना है
जोधपुर को प्रतिदिन 130 लाइसेंस बनाने का स्लॉट मिला हुआ है। लोग पांच मिनट में ही लाइसेंस बुक कर लेते है इसलिए दिनभर दूसरे आवेदकों को स्लॉट खाली नहीं मिलते। कोई दूसरी समस्या है तो वह भी देख लेंगे।
– विनोद कुमार लेगा,जिला परिवहन अधिकारी जोधपुर
Source: Jodhpur