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बालोतरा. कनाना के नवलका बेरा में जहां पखवाड़ा पहले विवाह के गीत गूंज रहे थे। छोटे-बड़ों में सजने-संवरने की हौड़ मची हुई थी, वहीं ये एक-दूसरे की हंसी-ठिठोली करते हुए खूब नाच- गा रहे थे। एक-दूसरे को हाथों से खिलाकर मनुहार कर रहे थे, लेकिन आज वहां चारों ओर रूदन है। आगन्तुक परिवार के एक सदस्य को ढांढ़स बंधाते हुए शांत करवाता है, तब तक दूसरे की रूलाई फूट पड़ती है। जिन आंखों ने कल तक सुंदर जीवन के सपने देखे थे, वे आज आंसूओं में डूब गए हंैं।

नवलका बेरा निवासी केवलराम माली ने गत 25 फरवरी को बेटी डिम्पल का धूमधाम से विवाह कर उसे खुशी खुशी ससुराल विदा किया था। इसके दो दिन बाद खुद सज-धज कर बेटे विक्रम की बारात लेकर बिठूजा पहुंचे। परिवार के छोटी बेटी व बेटा का विवाह होने की खुशी में उसने हैसियत से भी अधिक खर्च किया। विवाह में शामिल होने वाले परिवार सदस्यों की खूब सेवा व उनका सत्कार किया। खुशी खुशी इन्हें विदा किया।
खुशी के गीत की जगह अब केवल रूलाई

– शेरगढ़ सोईंतरा हादसे में केवलराम की सबसे बड़ी बेटी विमला व सबसे छोटे बेटे विक्रम का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। बेटी, जंवाई, दोहिता-दोहिती व बेटे, पुत्रवधु, भाणेज, इसकी पत्नी, पुत्र व भाणजी की हुई मौत के बाद सिसकियां और रूलाई ही सुनाई देती है।

देरी से आई खुशी, जल्दी हो गई विदा

केवलराम सामान्य किसान है। करीब दस वर्ष पूर्व उसके पिता की मौत हुई थी। 80 वर्षीय माता सुआ देवी के साथ जीवन बसर कर रहा केवलराम अपने छोटे बेटे विक्रम के साथ कुछ माह पूर्व गंाव कनाना में सब्जी-फल बेचने का काम करता था। बड़ा बेटा भरत बालोतरा में कपडे़ का काम करता था। करीब एक वर्ष पूर्व भरत ने कर्नाटक के बीजापुर में किराणा की दुकान खोली थी। इस पर केवलराम व विक्रम भी उसका साथ देने वहां चले गए। अच्छी हो रही आय पर पिता व दोनों भाई हंसी-खुशी से जीवन जी रहे थे, लेकिन कई वर्षों के इंतजार के बाद आई खुशी कुछ ही पल में गायब हो गई।
खूब मनुहार की, लेकिन गए नहीं- विवाह सम्पन्न होने के बाद परिवार सदस्यों के साथ रामदेवरा दर्शन के लिए विक्रम ने कार्यक्रम बनाया। इस पर उसने अपने परिवार के सदस्य महावीर व प्रवीण, जो उसके भतीजे लगते हैं, उन्हें साथ में चलने को कहा। इनकी खूब मनुहार की, लेकिन महावीर ने मेला देखने व प्रवीण ने परीक्षा होने का कहते चलने से मना गया। नव विवाहित बहन डिंपल, जो कक्षा 12 में पढ़ती है। बोर्ड परीक्षा होने को लेकर उसने भी साथ चलने से मना किया।

बिछुड़े भाई, फिर नहीं मिले, मलाल ही रहा- कर्नाटक के बीजापुर में कुछ समय पहले किराणा की दुकान खोलने वाले केवलराम का बड़ा बेटा भरत, छोटे भाई विक्रम व बहन डिम्पल का 25 व 27 फरवरी को धूमधाम से विवाह सम्पन्न कर, दो दिन बाद 29 को फरवरी को अकेला बीजापुर चला गया। हादसे के समय भरत बीजापुर था। अधिक दूरी के कारण वह भाई का आखिरी बार मुहं भी नहीं देख पाया।

Source: Barmer News

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