अविनाश केवलिया/जोधपुर. शहरी सरकार को चलाने की पूरी शक्ति इस बार आधी दुनिया के हाथ होगी। शहर के दोनों नगर निगम में महापौर पद महिलाओं के लिए आरक्षित है। ऐसे में इस बार वार्ड में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका मिलना लाजमी है। पिछले चुनावों में महिलाएं सिर्फ पार्षद बनने तक सीमित थी, उसमें भी जितने वार्ड आरक्षित थे, उसके अनुपात में तीन गुणा महिला प्रत्याशी थी, लेकिन इस बार यह संख्या चार से पांच गुणा तक हो सकती है।
आरक्षण स्थिति में जोधपुर उत्तर व दक्षिण दोनों निगम में महापौर का पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित है। ऐसी स्थिति में इस बार महिला प्रत्याशियों की संख्या बढ़ सकती है। कई बड़े दिग्गज नेता जिनकी नजरें महापौर के पद पर है वह अपने परिवार की महिला सदस्यों को चुनावी रण में उतार सकते हैं। इसीलिए सामान्य तौर पर आरक्षित वार्ड तक सीमित रहने वाली महिला प्रत्याशी इस बार अधिकांश वार्ड में उतारी जा सकती है। ऐसे वार्ड जो महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं है वहां भी महिला दावेदारियों की संख्या बढ़ेगी।
पिछले चुनाव की स्थिति
– 65 कुल वार्ड थे
– 22 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित थे
– 75 कुल महिला प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरी थी
– महिला आरक्षण वार्ड में औसतन 3 प्रत्याशी
– 261 कुल प्रत्याशी थे मैदान में
– जबकि अन्य वार्ड में औसतन 4 से ज्यादा प्रत्याशी मैदान में थे
इस बार यह रह सकती है स्थिति
– 80-80 वार्ड है दोनों निगम में
– 27-26 वार्ड आरक्षित हैं, यानि कुल 53 वार्ड
– 2 निगम में महापौर महिलाएं ही होंगी।
– 200 से ज्यादा हो सकती हैं इस बार महिला प्रत्याशियों की कुल संख्या
महिला वोट प्रतिशत भी कम रहा
महिला प्रत्याशियों का जहां चुनावी मैदान में रुझान कम रहता है तो वहीं महिला मतदाता भी ज्यादा संख्या में वोट डालने के लिए बूथ तक नहीं आती। वर्ष 2014 के निकाय चुनावों में जोधपुर नगर निगम में कुल 62 प्रतिशत वोटिंग हुई, इनमें महिलाएं 59 प्रतिशत थी। पिछले साल लोकसभा चुनावों में कुल मतदान 68.1 प्रतिशत था, इनमें सिर्फ 46.7 प्रतिशत महिलाएं ही वोट डालने के लिए घरों से निकली।
Source: Jodhpur