नंदकिशोर सारस्वत/जोधपुर. इस बार चैत्र नवरात्रि पर्व में शुभ कार्यों के लिए चार सर्वार्थ सिद्धि योग का सर्वोत्तम संयोग हो रहा है। नवरात्रि की शुरूआत 25 मार्च से प्रारंभ होकर दो अप्रेल तक होगी। नवरात्रि पर्व की शुरूआत के साथ ही नव संवत्सर की शुरूआत भी होगी। इस बार चैत्र नवरात्रि बेहद खास संयोगों वाली रहेगी। नवरात्रि में चार सवार्थ सिद्ध योग का संयोग हो रहा है जो जप, तप, आराधना के साथ नए कार्य करने के लिए भी शुभ रहेंगे।
पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि चैत्र नवरात्रि के पहले दिन स्वयं रेवती नक्षत्र रहेगा। देवी की आराधना उपासना करने वालों के लिए यह बेहद अहम मौका होगा। इसके साथ रेवती नक्षत्र में ब्रह्म नाम का योग रहेगा जो बेहद उत्तम है। इस बार मीन राशि में चन्द्र और मीन राशि में ही सूर्य के साथ नवरात्रि की शुरूआत हो रही है।
शुभ संयोग के साथ आ रहा नव वर्ष
चैत्र नवरात्र के पहले दिन के साथ हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2077 की भी शुरूआत होगी। नव वर्ष का नाम प्रमादि संवत्सर रहेगा। इस वर्ष के राजा बुध व प्रधानमंत्री चंद्र रहेंगे। सूर्यनगरी के प्रमुख ज्योतिषियों के अनुसार इसके कारण अन्न उत्पादन अच्छा होगा और वर्षा की स्थिति भी अच्छी रहेगी। वित्तीय व्यवस्थाएं खास तौर पर केंद्र की स्थिति अच्छी होगी क्योंकि केंद्रीय शासन केंद्र से ही चलता है। प्रशासन कठोर रहेगा और देश के व्यापार में वृद्धि रहेगी। नव संवत्सर वर्ष के स्वामी बुध व चंद्र है जो दोनों ही संवेदनशील ग्रह है। इसलिए हालात सुधारने के बावजूद आने वाले वर्ष में संक्रामक रोग भी फैलेंगे।
सवार्थ सिद्धि योग की त्रिवेणी नवरात्रि की द्वितीया 26 और तृतीया 27 मार्च के दिन सवार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके बाद 30 को सवार्थ सिद्वि योग रहेगा। नवरात्रि के आखिरी दिन रामनवमी दो अप्रेल को रहेगी। इस दिन भी सवार्थ सिद्धि योग रहेगा। जो लोग नवीन मकान भूमि भवन खरीदना चाहते हैं या व्यापार प्रारंभ करना चाहते हैं, उनके लिए यह योग बेहद शुभ होते हैं। नवरात्रि पर्व के दौरान ही 27 मार्च को गणगौरी तीज सौभाग्य सिद्धि का पर्व है। जिसमें देवी पार्वती और शिव का पूजन जोधपुर में गवर-ईसर के रूप में किया जाता है।
Source: Jodhpur