गजेंद्रसिंह दहिया/जोधपुर. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आह्वान पर देश के कई भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटीज) ने हैंड सेनेटाइजर प्रयोगशाला में ही तैयार किया है। आइआइटी जोधपुर के शिक्षकों ने भी विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार सुगंधित हैंड सेनेटाइजर तैयार किया है। इसमें एल्कोहल की मात्रा को नियंत्रित किया गया है जिससे हाथों की त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचता है। फिलहाल इस सेनेटाइजर का आइआइटी कैंपस में ही वितरण किया जा रहा है। सेनेटाइजर काफी सस्ता है। 100 मिलीलीटर की एक बोतल की कीमत 30 से 40 रुपए आई है, जबकि वर्तमान में बाजार में सेनेटाइजर की कालाबाजारी हो रही है। सौ मिली की बोतल कई जगह पर दो सौ रुपए में मिल रही है।
यह है हैंड सेनिटाइजर का कंपोजीशन
आइआइटी जोधपुर के रसायन विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.ऋतु गुप्ता, डॉ.निर्मल मीणा और तकनीशियन शुभम पांडे द्वारा यह सेनिटाइजर बनाया गया है। सेनिटाइजर में विभिन्न पदार्थ मिलाए गए हैं। इसमें मुख्य रूप से आइसोप्रोपिल अल्कोहल और पानी है। अल्कोहल की सांद्रता 70 प्रतिशत है। इसके अलावा कुछ मात्रा में ग्लिसरीन, एलोवेरा, कीटाणुओं को मारने के लिए ऑक्सिडाइजिंग एजेंट, एंटीजन और सुगंध के लिए गुलाब जल मिलाया गया है। आइआइटी में वर्तमान में 150 शिक्षक, 200 अशैक्षणिक कर्मचारी और करीब 600 सुरक्षाकर्मी और हाउसकीपिंग स्टाफ रहते हैं। इनके बीच में सेनिटाइजर का वितरण किया गया है।
इनका कहना है
फिलहाल आइआइटी के लिए यह सेनेटाइजर बनाया गया है। रिसर्च गतिविधियों के अलावा निर्माण कार्य चलने की वजह से यहां बाहर से भी बहुत लोग आते हैं। हम गेट पर ही सेनेटाइज करके प्रवेश दे रहे हैं।
– अमरदीप शर्मा, पीआरओ, आइआइटी जोधपुर
Source: Jodhpur