अमित दवे/जोधपुर. देश के निर्यात उद्योग व निर्यातकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार की ओर से मर्चेन्डाइस एक्सपोट्र्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआइएस) के तहत निर्यातकों को दी जाने वाली सब्सिडी बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह स्कीम 1 जनवरी 2020 से बंद कर दी जाएगी। हाल ही में केन्द्रीय मंत्री ने इस स्कीम की जगह रेमिसेशन ऑफ ड्यूटीज और टैक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स की घोषणा की है। यह स्कीम 1 जनवरी 2020 से लागू होगी।
इसके लिए सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए का बजट भी पारित किया है। माना जा रहा है कि यह स्कीम निर्यातकों, आर्टिजन्स के लिए प्रोत्साहनमुखी होगी।दरअसल, अमरीका ने वल्र्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) में भारत द्वारा निर्यातकों को दी जाने वाली रियायतों पर एतराज जताया था।
अमरीका का कहना है कि इन रियायती स्कीमों के कारण उनकी कम्पनियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड रहा है। अमरीका की आपत्ति पर डब्ल्यूटीओ ने भारत से इस संबंध में जल्द ही सकारात्मक कदम उठाने को कहा था। इसके बाद भारत ने एमइआइएस स्कीम को बदलने का निर्णय लिया। डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य देशों में भारत भी वर्ष 1995 से सदस्य है।
हमारे साथ अमरीकी कंपनियों का भी रखा ध्यान
वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय की ओर से नई स्कीम का मसौदा तैयार कर लिया गया है। नई स्कीम के तहत जीएसटी रिफ ण्ड पर अप्रत्यक्ष कर शामिल किए जाएंगे। इसमें निर्यातकों, आर्टिजन्स के लिए सब्सिडी का प्रावधान होगा। इससे अमरीकी कंपनियों को घाटा नहीं होने के साथ ही भारतीय निर्यातक व आर्टिजन्स भी प्रभावित नहीं होंगे। नई स्कीम में निर्यातकों को विभिन्न प्रकार से लगने वाली 11 प्रकार की ड्यूटी व टेक्स में छूट दी जाएगी।
अब तक मिल रहा था 5 प्रतिशत ड्राबैक इंसेंटिव
वर्तमान में एमईआइएस स्कीम के तहत हैण्डीक्राफ्ट, टेक्सटाइल्स, स्टील व अन्य कुटीर उद्योगों को सरकार की ओर से निर्यात पर 5 प्रतिशत ड्राबैक इंसेंटिव मिल रहा है। जोधपुर से हैण्डीक्राफ्ट उत्पादों का सालाना 2500 करोड़ टर्नओवर है। इससे करीब 2 लाख से ज्यादा आर्टिजन, हस्तशिल्पी जुड़े हुए हैं। प्रतिस्पर्धा के दौर में कई निर्यातक ऐसे हैं, जो लागत मूल्य पर ही अपने उत्पादों का निर्यात कर रहे हैं। ऐसे निर्यातकों व उनके लिए काम करने वाले आर्टिजन्स के लिए यह इंसेंटिव वरदान है।
गाइडलाइन का इंतजार
मंदी का दौर है। नई स्कीम में हस्तशिल्पियों, आर्टिजन्स के लिए प्रोत्साहन का प्रावधान व विभिन्न ड्यूटीज में छूट अच्छा संकेत है। गाइडलाइन का इंतजार है, तभी नई योजना को समझ पाएंगे।
मनीष पुरोहित, सचिव, जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन
Source: Jodhpur