बाड़मेर. लॉक डाउन का असर धीरे-धीरे शहर में बेअसर होता नजर आ रहा है। क्योंकि शाम होते ही लोग घरों के बाहर बैठ जाते हैं,जिसके बाद ना तो धारा 144 नजर आती है और ना ही कोरोना की चेतावनी। पिछले कुछ दिनों से शहर में ऐसा ही चल रहा है, लेकिन प्रशासन व पुलिस की नजर शायद शहर के गली-मोहल्लों तक नहीं पड़ रही है।
प्रधानमंत्री ने 25 मार्च से 14 अप्रेल तक देश में लॉक डाउन लगा रखा है। ऐसे में लोगों से इस दौरान घर से अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलने, एक-दूसरे से दूरी बनाए रखने व एक जगह एकत्रित नहीं होने को कहा गया है। इसकी पालना अब शहर में होती नजर नहीं आ रही। सुबह से दोपहर तक तो लॉक डाउन का असर है, लेकिन शाम होते ही यह हर गली और मोहल्ले में टूटता दिखता है। पत्रिका टीम ने विभिन्न इलाकों में ऐसा ही देखा। शहर के लूणू रोड, पनघट रोड, गडरा चौराहा क्षेत्र, राय कॉलोनी, बेरियों का वास, इन्द्रा नगर सहित अधिकांश इलाकों में लोग शाम को घरों से बाहर गप्पे मारते नजर आते हैं।
पुलिस की सख्ती ना प्रशासन का प्रहरा- शहर में हर शाम लॉक डाउन टूटने के बावजूद पिछले तीन-चार दिन से कहीं भी पुलिस की सख्ती या प्रशासन का प्रहरा नजर नहीं आया। पुलिस के जवान मुख्य चौराहों पर तो खड़े हैं, लेकिन गलियों में झांक कर भी नहीं देखते। यहीं हाल प्रशासन का भी है, जिसके बीएलओ व कार्मिक कभी भी इन गलियों में नजर नहीं आते।
कहां की पुलिस की मोटरसाइकिलें- एक दिन पहले ही पुलिस ने मोटरसाइकिल रैली निकाली और दावा किया कि अब पुलिस गलियों पर नजर रखेगी,जिससे कि लॉक डाउन ना टूटे, लेकिन यह दावा खोखला नजर आ रहा है। क्योंकि लॉक डाउन के बाद गली-मोहल्लों में पुलिस नजर आ रही है ना ही मोटरसाइकिलें।
चंद दूरी पर पुलिस- शहर में जहां लॉक डाउन के नियम टूट रहे हैं, वहां से चंद फासले पर पुलिस तैनात है। राय कॉलोनी पांच बत्ती चौराहे पर पुलिस तैनात है जबकि विश्वकर्मा सर्किल, बेरियों का वास, कृष्णा नगर, सरदारपुरा आदि में लोग नियम तोड़ रहे हैं। तनसिंह सर्किल पर पुलिस खड़ी रहती है और पनघट रोड, लीलडिय़ा धोरों इलाके में लोग घरों से बाहर बैठे नजर आते हैं।
Source: Barmer News