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जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर में कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर शव को शहर से बाहर दूरस्थ स्थान पर दफनाने का आदेश देने की मांग को लेकर दायर याचिका पर राज्य सरकार, जिला कलक्टर तथा पुलिस आयुक्त से जवाब तलब किया है। याचिकाकर्ता माइनॉरिटी रिलीफ सोसायटी के उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन की ओर से अधिवक्ता शेखर मेवाड़ा और अधिवक्ता कर्मेन्द्रसिंह ने वीडियो कॉन्फे्रंसिंग से बहस करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से मरने वालों को सिवांची गेट कब्रिस्तान में दफनाने के कई जोखिम हैं। इस कब्रिस्तान के चारों ओर घनी आबादी है।

सकीना कॉलोनी, जाकिर हुसैन कॉलोनी, हकीम कॉलोनी व अन्य सैकड़ों परिवार कब्रिस्तान के चारों तरफ रहते हैं। जाकिर हुसैन कॉलोनी में निवास करने वाले परिवारों के घरों की खिड़की-दरवाजे तक कब्रिस्तान में खुले हुए हैं। किसी भी समय मय्यत आने पर कब्र की खुदाई करने वाले, दफनाने का कार्य करने वाले, फकीरों के परिवार तो कब्रिस्तान के अंदर ही रहते हैं, जिनके संक्रमित होने की पूरी आशंका है। इसके अलावा सिवांची गेट से प्रतापनगर आने जाने का आम रास्ता होने से लोगों का आवागमन भी लगा रहता है। कब्रिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित शवों को दफनाने से चारों ओर बसी आबादी में से कोई भी व्यक्ति संक्रमित हो गया तो स्थिति भयानक व अनियंत्रित हो सकती है।

उन्होंने कोर्ट में कहा कि जोधपुर में कोरोना वायरस से मरने वालों के शवों को सिवांची गेट कब्रिस्तान के स्थान पर जोधपुर से दूरस्थ स्थान जहां दूर-दूर तक आबादी नहीं रहती है, वहां दफनाने के निर्देश जारी किए जाएं। न्यायाधीश विनित कुमार माथुर ने मुख्य सचिव, जोधपुर जिला कलक्टर व पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर 6 मई तक जवाब मांगा है। अगली सुनवाई भी 6 मई को होगी।

Source: Jodhpur

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