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विकास चौधरी/जोधपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ पुलिस कंधे से कंधा मिलाकर तैनात है, लेकिन इनकी मॉनिटरिंग व आदेश-निर्देश की व्यवस्था करने में प्रमुख भूमिका निभाने वाला पुलिस कमिश्नर कार्यालय लॉक डाउन के बाद से सिर्फ एक तिहाई कर्मचारियों के भरोसे ही कार्य कर रहा है। यह कर्मचारी प्रतिदिन रोटेशन से ही ड्यूटी पर कार्यालय पहुंच रहे हैं।

बारी-बारी से आ रही है ड्यूटी
पुलिस कमिश्नर कार्यालय के विभिन्न विभागों में करीब एक सौ बीस कर्मचारी हैं। 22 मार्च को लॉक डाउन के बाद से इनमें से सिर्फ एक तिहाई यानि सिर्फ तीस से पैंतीस कर्मचारी ही प्रतिदिन ऑफिस आ रहे हैं। कर्मचारियों की ड्यूटी चार्ट ऐसा बनाया गया है कि रोटेशन में सभी कर्मचारी बारी-बारी से ड्यूटी करते हैं। पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) कालूराम रावत का कहना है कि कार्यालय में रोटेशन से एक तिहाई कर्मचारी ड्यूटी कर रहे हैं। इसे सोशल डिस्टेंसिंग भी बनी रहती है।

लॉक डाउन से काम-काज में कमी से परेशानी नहीं
कमिश्नरेट के 26 पुलिस स्टेशन, रिजर्व पुलिस लाइन के अधिकांश अधिकारी व जवान और अन्य कार्यालयों के पुलिस अधिकारी और जवान दो माह से तीन पारियों में चौबीस घंटे निगरानी में तैनात हैं। लॉक डाउन के बाद से काम-काज कम होने से परेशानी नहीं है।

लेखा कार्य घर से होने की संभावना
कमिश्नर कार्यालय में अपराध शाखा, पीए शाखा, सीसी ब्रांच, फोर्स ब्रांच, लेखा विभाग, लाइसेंसिंग, जिला विशेष शाखा कार्यरत हैं। अधिकांश विभागों की पत्रावलियां ऑफिस में ही मौजूद हैं। इनसे जुड़े आदेश कार्यालय में ही जारी किए जाते हैं। ऐसे में इन विभागों के कर्मचारियों को ऑफिस आना होता है, लेकिन लेखा विभाग में कई कार्य ऑनलाइन होने लगे हैं। किसी कार्य का बिल बनाने व अन्य कार्य वर्क फ्रॉम होम से ऑनलाइन किए जा सकते हैं।

Source: Jodhpur

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