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जोधपुर।

कोविड 19 महामारी के कारण राज्य व केंद्र सरकार ने कई निर्णय कर किसानों से फ सल की सीधी खरीद के लिए प्रसंस्करण इकाइयों को अनुज्ञापत्र जारी करने व वेयरहाउस को गौण मंडी का दर्जा देने का फैसला किया, जिससे किसानों को अपने खेत मे ही फ सल विक्रय करने की सुविधा मिल गई।धरतीपुत्रों को सीधी खरीद योजना पसंद आई। फ सल का प्रोसेसिंग इकाइयों को सीधा विक्रय होने से किसानों को महामारी के समय में मंडियों में नही जाना पड़ा व लॉकडाउन के कारण फ सल परिवहन की परेशानी के बिना फ सल विक्रय कर पाए।

प्रोसेसिंग इकाइयों को भी मिला सीधी खरीद का फ ायदा

प्रोसेसिंग इकाइयों को लॉकडाउन के कारण वर्षभर इकाई चलाने के लिए कच्चे माल के रूप में फ सलों की आवश्यकता थी तथा मंडियो में कोरोना खतरे के कारण सामान्य कारोबार शुरू नही हो पा रहा था। ऐसे में मिलिंग आवश्यकतानुसार इकाइयों ने किसानों से सीधी खरीद की छूट मिलने से किसानों के साथ कृषि प्रोसेसिंग इकाइयों को भी इसका फ ायदा मिला।

सीधी खरीद एक नजर में (11 जून 2020 तक )

कृषि जिंस– सीधी खरीद क्विं में

सरसों– 32227 क्विं

जीरा— 12384 क्विं

सौंफ— 999 क्विं

बाजरा— 979 क्विं

इसबगोल– 167 क्विं

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सरकार की ओर से लॉकडाउन की शुरुआत किसानों यह सुविधा दी गई थी, जिसका किसानों ने फायदा उठाया।

सुरेन्द्रसिंह, सचिव

जोधपुर कृषि उपज मंडी समिति

Source: Jodhpur

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