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बाड़मेर.
पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा के मुनाबाव के सामने दादागिरी दिखाते हुए भारत के लाख मनाही के बावजूद जीरो लाइन के पास में रेलवे स्टेशन का निर्माण कर दिया और अब तनाव के समय में यह भारत के लिए खतरा बन सकता है। पश्चिमी सीमा पर चीन की मदद से पाकिस्तान लगातार सामरिक संसाधनों की बढ़ोतरी कर रहा है। पश्चिमी सीमा पर बड़ी संख्या में बंकर बनाने के साथ ही तेल क्षेत्र की आड़ में सामरिक ठिकाने बनाने की साजिश रची जाने लगी है।
भारत पाकिस्तान के बीच फीलगुड के समय में 2006 में मुनाबाव से खोखरापार के बीच में रेल सेवा प्रारंभ की गई। इसके लिए इमीग्रेशन व कस्टम जांच के लिए दोनों देशों को रेलवे स्टेशन का निर्माण करवाना था जो अंतरर्राष्ट्रीय रेलवे स्टेशन हों। भारत ने सभी नियमों का ख्याल रखा लेकिन पाकिस्तान ने नियमों से परे जाकर रेलवे स्टेशन का निर्माण जीरो लाइन के एकदम पास में करवा दिया। भारत ने इसको लेकर कई बार ऐतराज किया लेकिन पाकिस्तान नहीं माना।
किस तरह खतरा
यह रेलवे स्टेशन जीरो लाइन से एकदम सटा हुआ है। रेलवे स्टेशन से पाकिस्तान मुनाबाव की ओर सारी गतिविधियों पर खुली आंखों से ही नजर रख सकता है। इस रेलवे स्टेशन में छप्पर के शेड, झोंपे और कुछ निर्माण होने से युद्ध की स्थिति में इसका उपयोग बंकर के रूप में किया जा सकता है जो पाकिस्तान का सर्वाधिक नजदीक बंकर होगा।
नाम बदला है हाल ही में
पाकिस्तान ने इस रेलवे स्टेशन का नाम पहले जीरो प्वाइंट रखा था जिसको अभी बदलकर मारवी किया गया है। यहां अन्य किसी रेल का संचालन नहीं हो रहा है इसके बावजूद भी रेलवे स्टेशन को लेकर पाकिस्तान की यह दिलचस्पी सुरक्षा एजेंसियों का भी खटक रही है।
रेल बंद होने के बाद भी ध्यान
भारत पाकिस्तान के बीच में चलने वाली थार एक्सप्रेस करीब डेढ़ साल पहले ही बंद कर दी गई है। इसके बावजूद इस रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तानी रैंजर्स की आवाजाही रहती है। मुनाबाव के ठीक सामने इस रेलवे स्टेशन पर आने वाले लोगों को लेकर बीएसएफ की ओर से भी रिपोर्ट की जाती रही है।

Source: Barmer News

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