जोधपुर. कोरोना वायरस के खतरे से निपटने के लिए भारतीय रेलवे ने पहली बार विशेष प्रकार के कोच तैयार किए है, जो यात्रियों को कोरोना के खतरे से बचाएगा। भारतीय रेलवे ने कोविड-19 वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कोरोना काल के बाद के लिए विशेष नए डिब्बें तैयार किए है। कपूरथला (पंजाब) स्थित रेल कोच फैक्ट्री ने ऐसे कोच विकसित किए है।
कोविड मुक्त यात्री सफ र के लिए ऐसी सुविधाओं पर जोर दिया गया है, जिन्हें बिना छुए ही काम चल जाता है। रेलवे सूत्रों के अनुसार भविष्य में सभी डिब्बे इसी तर्ज पर विकसित किए जाएंगे। जहां तक बदलाव संभव होगा, वर्तमान डिब्बों में भी यह सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इन्हें विकसित करने के लिए रेलवे को प्रति डिब्बा छह-सात लाख रुपए का खर्च आएगा।
पोस्ट कोविड कोच में हैण्ड फ्री सुविधाएं की विकसित
– कोच में चढने के लिए हैंडरेल व दरवाजा खोलने के लिए चिटकनी को कॉपर कोटेड बनाया गया है। कॉपर कुछ ही घंटे में वायरस को नष्ट कर देता है। कॉपर में एंटी माइक्रोबियल खूबी होती है। यह वायरस के भीतर डीएनए और आरएनए को नष्ट कर देता है।
– एसी कोच में प्लाज्मा एयर प्यूरिफ ायर लगाया गया है, जो वायरस के प्रकोप से बचाता है।
– सीट पर टाइटेनियम डाई ऑक्साइड कोटिंग की गई है। जो एसी डिब्बे के अंदर की हवा और सतहों को जीवाणुरहित कर देगा और इस तरह से डिब्बे को कोविड.19 रोधी बना देगा।
– पानी के नल और सोप डिस्पेंसर को पैर से ऑपरेट किया जा सकता है।
– लैवेटरी (शौचालय) का दरवाजा, फ्लश वाल्व, लैवेटरी के दरवाजे की चिटकनी, वॉश बेसिन पर लगा नल और सोप डिस्पेंसर को पैर से ऑपरेट किया जा सकता है।
रेलवे ने आइसोलेशन कोच भी तैयार किए
रेलवे ने देश में कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए ट्रेनों के एसी व स्लीपर कोचों को कोविड आइसोलेशन कोच बनाए। इसके तहत रेलवे बोर्ड ने देश के सभी १६ जोनों के ५३२१ कोचों को आइसोलेशन कोच में तैयार किए।
Source: Jodhpur