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बाड़मेर. अनलॉक के साथ ही बाड़मेर में कोरोना भी अनलॉक हो गया। जुलाई महीना पिछले तीन महीनों पर कुछ ज्यादा ही भारी पड़ गया। जुलाई में हर दूसरे दिन एक व्यक्ति कोरोना का शिकार हो गया और पॉजिटिव की संख्या बेतहाशा बढ़ी। जुलाई में बढ़ी कोरोन की रफ्तार पर नियंत्रण के प्रयास भी कारगर नजर नहीं आ रहे हैं।
बाड़मेर में अनलॉक की प्रक्रिया के बाद संक्रमितों की बढ़ती संख्या का कारण सोशल डिस्टेंसिंग सामने आया है। लोगों की भीड़ और जिसमे सामाजिक दूरी कहीं दिखती नहीं और उस पर मास्क की अनेदखी के चलते ही संक्रमण एक से दूसरे में फैला और गलियों तक पहुंच गया। जबकि जून तक शहर की तंग गली-कूचे बचे हुए थे और सुरक्षित क्षेत्रों की गिनती में शामिल थे। लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का नियम टूटा तो कोरोना कहर बनकर लोगों पर टूटा।
जुलाई में ही संक्रमित टॉप टेन जिलों की सूची में पहुंचा बाड़मेर
संक्रमितों की सूची में जून तक दूर-दूर तक नाम नहीं था। लेकिन जुलाई के 20-25 दिन ऐसे निकले की रोजाना ही 50 से अधिक संक्रमित सामने आने लगे। इस बीच जुलाई के आखिरी सप्ताह में बाड़मेर जिला प्रदेश के सबसे अधिक कोरोना संक्रमित जिलों की सूची में दसवें स्थान पर पहुंच गया। अब भी लगातार कोरोना के मामलों के चलते बाड़मेर सूची में दसवें स्थान पर है।
जुलाई में औसतन 35 मरीज प्रतिदिन
ुजुलाई में कोरोना का विस्फोट देखा जाए तो औसतन प्रतिदिन 35 संक्रमितों का रहा है। इससे ही महामारी की भयावहता साफ दिखती है। जुलाई का शायद ही कोई दिन निकला जिस दिन कोरोना मरीज सामने नहीं आए।
13 में से 12 मौतें भी जुलाई में
जिले में जून महीने में केवल एक व्यक्ति कोरोना का शिकार बना। लेकिन जुलाई खत्म होते-होते यह आंकड़ा बढ़कर 13 तक पहुंच गया। ऐसे में 12 मौतें तो जुलाई के 31 दिनों में ही हुई। कोरोना के कारण यह महीना खासकर वृद्ध व बीमारों पर भारी पड़ गया।
ं संक्रमण : जुलाई में बढ़ा कहर
-8 अप्रेल को मिला था पहला पॉजिटिव
-8 मई तक 4 पॉजिटिव
-8 जून को आंकड़ा 107 पर
-8 जुलाई आंकड़ा 566 पहुंचा
10 जुलाई आंकड़ा 642
17 जुलाई 816
20 जुलाई 996
24 जुलाई 1132
31 जुलाई 1432

Source: Barmer News

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