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बाड़मेर. अनलॉक की प्रक्रिया के बीच बाड़मेर शहर का एक मात्र उद्यान महावीर पार्क अभी तक ताले में ही कैद है। एेसे में सुबह की सैर पर आने वालों को खासी दिक्कत हो रही है। कलेक्ट्रेट के सामने होने से यहां आने वाले फरियादी भी छांव की तलाश में पार्क आते हैं, लेकिन ताला लगा होने पर दिक्कत होती है।

हालांकि कोरोना संक्रमण के चलते यह एेतिहात पर बंद बताया जा रहा है, लेकिन जब पूरा शहर की अनलॉकडाउन कर दिया तो फिर पार्क को बंद करके का क्या औचित्य, यह आमजन के समझ से परे हैं। कोरोना संक्रमण के दौर में सरकार ने सार्वजनिक पार्क, स्टेडियम आदि पर ताले लगाते हुए यहां लोगों की आवाजाही बंद कर दी। इसके कारण बाड़मेर शहर का एक मात्र उद्यान महावीर पार्क भी बंद कर दिया गया।

लम्बे समय तक लॉकडाउन रहा तो यहां लोगों की आवाजाही बंद थी। इसके बाद सरकार ने अनलॉकडाउन की घोषणा करते हुए धीरे-धीरे बाजार, दुकानें, सरकारी व निजी कार्यालय आदि को खोलने की छूट दे दी। इस छूट के बाद शहर में हर जगह आवाजाही शुरू है, लेकिन पार्क से अभी तक ताला नहीं हटा है। सख्ती के साथ मिले छूट- लोगों के अनुसार जब बाजार में आवाजाही पर छूट है। सब्जी मंडी, कृषि मंडी जैसे भीड़भाड़ के वाले क्षेत्रों में रोक नहीं है तो पार्क में रोक क्यों। पार्क में तो वैसे भी इन स्थानों से चौथाई भीड़ भी नहीं रहती।

बावजूद इसके पार्क बंद किया हुआ है। यहां सोशल डिस्टेंस की पालना के कठोर नियम के साथ मास्क की अनिवार्यता के साथ प्रवेश दिया जा सकता है।

खुलने चाहिए ताले- वैसे भी जब पूरे शहर में कुछ इलाकों में हाल ही में लगे लॉकडाउन को छोड़ दिया जाए तो आवाजाही पर छूट है तो फिर पार्क में पाबंदी क्यों। वैसे भी भीड़भाड़ वाले इलाकों में रोकटोक नहीं है। पार्क में तो पुलिस या होमगार्ड लगा कर सख्ती भी की जा सकती है।

– स्वरूपचंद शर्मा, वरिष्ठ नागरिक

गर्मी में बैठने की भी नहीं ठौर- कलक्ट्रेट में हर दिन सैकड़ों जने आ रहे हैं जो गर्मी से बचने के लिए जगह तलाशते हैं। जब कलक्ट्रेट में आने की छूट है तो पार्क पर ताले लगाने से कोरोना पर रोक कैसे लगेगी। रोक लगानी है तो पूरी लगाएं। पार्क में पुलिस का पहरा लगा कर भी लोगों को आवागमन शुरू किया जा सकता है।

– भेराराम, युवक

Source: Barmer News

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