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कल्याण सिंह राजपुरोहित
बिलाड़ा. विज्ञान में रुचि रखने वाले विद्यर्थियों के लिए बहुत अच्छी खबर है। अब विज्ञान के माध्यम से वे आसानी से रोजगार पा सकेंगे। यह संभव होगा अटल टिंकरिंग लैब से जो कस्बे के सीनियर सैकंडरी स्कूल में खोली गई है।

लैब के माध्यम से वैज्ञानिक सोच को विकसित करने के मकसद से नीति आयोग ने अटल इन्नोवेशन मिशन के तहत अटल टिंकरिंग लैब का देशभर में प्रयोग शुरू किया है। अब स्टूडेंट आइडिया बेस्ड विज्ञान को साकार कर सकेंगे। यहां स्टूडेंट को उसके आइडिया का वर्चुअल रूप बनाने के साथ उसको धरातल पर उतारने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।

लैब पर आया 20 लाख रुपए तक का खर्च
इस योजना के प्रारंभिक चरण में एनडीएमसी के तहत बिलाड़ा के इस स्कूल का चयन किया गया। इसके बाद देश भर में 3000 स्कूलों का अटल टिंकरिंग लैब के लिए चयन किया गया। सरकार की मंशा अगले वर्ष तक देशभर में 10 हजार ऐसी लैब स्थापित करने की है। नीति आयोग के माध्यम से प्रत्येक लैब पर शुरुआती दौर में 20-20 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे।

क्या है अटल टिंकरिंग लैब

केन्द्र सरकार देश की शिक्षा व्यवस्था में पैराडाइम शिफ्ट लाने के मकसद से योजना लांच की गई है। स्टूडेंट्स के बीच इनोवेशन, क्रिएटिविटी और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देना इसका मुख्य मकसद है। एडोबी, अमेजन, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और आइबीएम जैसी दिग्गज अंतरराष्ट्रीय हाई टेक कंपनियां मोदी सरकार की अटल इनोवेशन मिशन के तहत साझेदार हैं। इसी योजना के तहत अटल टिंकरिंग लैब की शुरुआत की गई है।

यहां ये हैं सुविधाएं

प्राचार्य मदननाथ रावल बताते हैं यह लैब 3 डी प्रिंटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के नए तकनीकों से छात्रों को रूबरू होने का अवसर देता है। अटल टिंकरिंग लैब बच्चों को 21 वीं शताब्दी के जरूरी स्किल्स और उनसे मुखातिब होने का मौका प्रदान करेगा। शिक्षा व्यवस्था के पहले पायदान से ही उन्हें प्रोफेशनल और पर्सनल स्किल्स को साधने का उपयुक्त मौका देता है। केंद्र की मोदी सरकार इसे न्यू इंडिया के सपनों को पूरा करने के लिए सबसे बड़ा कदम मानती है। रावल बताते हैं कि इस लैब में प्रशिक्षण प्राप्त कर यहां के 4 विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रस्तुति दी और दूसरा स्थान प्राप्त किया।

प्रतिभा का किया प्रदर्शन

लैब प्रभारी राजूराम बिश्नोई बताते हैं कि गत शिक्षा सत्र के दौरान जयपुर में हुई राष्ट्रीय स्तर पर सेमिनार में उनकी स्कूल के 6 बाल वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वहां एक मिनी ट्रैक्टर बनाकर उसे चला कर दिखाया तो सभी दांतो तले अंगुली दबाते देखे गए। यहां स्थानीय स्तर पर आए एक वैज्ञानिक दल की उपस्थिति में इन्हीं बच्चों ने प्रार्थना स्थल पर ड्रोन उड़ा कर सभी बच्चों पर पुष्प वर्षा करवाई जो अपने आप में एक विधा से कम नहीं कहा जा सकता।

Source: Jodhpur

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