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बाड़मेर. कोरोना का कहर थामे नहीं थम रहा है। कोविड सेंटर में भर्ती मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है तो होम आइसोलेशन में भी संक्रमित अधिक हो रहे हैं। होम आइसोलेशन में बढ़ती संख्या कहीं फिर कोरोना विस्फोट का कारण बनने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बाड़मेर जिले में कोरोना संक्रमण के विस्फोटक होने की स्थिति में संक्रमितों के होम क्वारंटीन पर रोक लगा दी गई थी। अब फिर से होम आइसोलेशन वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि होम और कोविड सेंटर व डेडिकेटड अस्पताल में भर्ती का प्रतिशत 50 फीसदी हो चुका है। संक्रमितों की कुल संख्या में आधे तो घरों में ही भर्ती है।
होम आइसोलेशन के खतरे
-घर के लोग बिना किसी पीपीइ किट के संक्रमित से संपर्क
-परिवार के अधिकांश लोग मिल रहे हैं संक्रमित से
-संक्रमित व्यक्ति के कुछ मामलों में बाहर तक आने की जानकारी
-घर के बाहर कोई सूचना नहीं, ऐसे में आसपास के लोग भी अनभिज्ञ
-नियमित नहीं होती है जांच आदि
-परिवार के साथ आसपास में संक्रमण फैलने का खतरा
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23 सितम्बर तक की रिपोर्ट
सीएमएचओ की ओर से जारी 23 सितम्बर तक की रिपोर्ट में होम आइसोलेट में 131 संक्रमित की जानकारी दी गई। इसी तरह जिले के कोविड केयर सेंटर भी भर्ती संक्रमितों की संख्या भी 131 बताई गई।
होम आइसोलेशन करने का यह है तर्क
संक्रमित को होम आइसोलेशन करने का विभाग का तर्क यह है कि असिंप्टेमैटिक व्यक्ति को ही घर पर रखा जा रहा है। कइयों को जरूरत होती है कि घर पर रखा जाए इसलिए होम क्वारंटीन किया जाता है। विभाग का दावा है कि वहां पर संक्रमित को रखने से पहले पता किया जाता है कि कोई संक्रमण फैलने का कोई खतरा तो नहीं है। इसके बाद ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाती है।
विस्फोटक के रूप में सामने आया था संक्रमण
बाड़मेर में होम आइसोलेशन में संक्रमितों की लापरवाही के कारण ही कोरोना विस्फोटक के रूप में सामने आया था। इसका सबसे बड़ा असर बाड़मेर शहर में हुआ था। जहां एक दिन में 70-100 तक संक्रमित बढ़े थे। इसके बाद प्रशासन ने संक्रमित के होम क्वारंटीन पर रोक लगाई थी। जिसके बाद संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर भेजा जा रहा था। अब फिर से होम आइसोलेशन होने से संक्रमण का खतरा बढ़ा है।
ये कैसी व्यवस्थाएं
कोविड सेंटर
यहां पर संक्रमितों के लिए परिसर के अलग ही हिस्से में रखा गया है। वहीं दूसरे परिसर में चिकित्सक व अन्य स्टाफ है। यहां पर व्यवस्था को लेकर पहरा भी लगाया गया है।
होम आइसोलेशन
घर के एक कमरे में ही संक्रमित का उपचार हो रहा है। आसपास के लोग मोहल्ले में बैठे रहते हैं। संक्रमित से मिलने अगर कोई जाता है तो रोक-टोक के लिए कोई नहीं।
होम आइसोलेशन कर रहे हैं
संक्रमितों को होम आइसोलेशन करते हैं। यह जरूरत के अनुसार किया जा रहा है। मरीज कहां रहता है और उसके वहां कैसी व्यवस्था है। इस पर होम आइसोलेशन निर्भर करता है।
डॉ. बीएल विश्नोई, सीएमएचओ बाड़मेर

Source: Barmer News

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