फलोदी. उपखण्ड के खीचन गांव को विश्व पर्यटन मानचित्र पर खास पहचान दिलाने वाले प्रवासी पक्षी कुरजां के यहां शीतकालीन प्रवास के दौरान जख्मी होने व बीमार होने पर तत्काल उपचार देकर उनकी जान बचाने के लिए तहसील के खीचन गांव में प्रस्तावित बर्ड रेस्क्यू सेंटर सरकारी फाइलों में उलझकर रह गया है।
वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार द्वारा बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए करीब 5 लाख का बजट भी दे दिया गया था, लेकिन उस समय यहां वन विभाग की भूमि नहीं होने के कारण बर्ड रेस्क्यू सेंटर का बजट दो बार लैप्स हो गया। अब यहां रेक्स्यू सेंटर के लिए जमीन उपलब्ध हो जाने के सात साल बाद भी वापस बजट नहीं मिला है। इससे इस रेस्क्यू सेन्टर के निर्माण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में घायल कुरजां को उपचार के लिए फलोदी स्थित रेस्क्यू सेन्टर ले जाना पड़ता है।
क्यों लैप्स हुआ बजट
राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 के बजट में कुरजां के पड़ाव स्थल खीचन में पक्षियों के उपचार के लिए बर्ड रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की घोषणा की गई थी तथा विभाग को करीब 5 लाख का बजट भी उपलब्ध करवाया गया था। यह रेस्क्यू सेंटर खीचन स्थित वन विभाग की नर्सरी में बनना था, लेकिन यह भूमि वन विभाग को आवंटित नहीं होने के कारण दो बार स्वीकृत बजट लैप्स हो गया था। जिससे अब तक यहां बर्ड रेस्क्यू सेंटर का निर्माण नहीं हो सका।
जमीन तो मिली, लेकिन बजट का है इंतजार
इस संबंध में राजस्थान पत्रिका द्वारा समय समय पर यह मुद्दा उठाया गया तो हरकत में आए जिला प्रशासन ने जनवरी 2017 में बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए भूमि आवंटित कर दी थी। जिसमें खीचन में सरकारी विभागों के लिए आवंटित भूमि में से बर्ड रेस्क्यू सेंटर व वन पौधशाला के लिए खसरा नं. 243 व 182 से 2-2 बीघा भूमि आवंटित करते हुए रेकर्ड में दर्ज करने के आदेश जारी किए थे। अब बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए जमीन तो मिल गई है, लेकिन बजट लैप्स होने के बाद अब वापस नहीं मिला है।
इनका कहना है
खीचन में बर्ड रेस्क्यू सेंटर के लिए पहले जमीन नहीं होने के कारण स्वीकृत बजट दो बार लैप्स हो गया था। अब जमीन आवंटित हो चुकी है। नए सिरे से बजट आवंटन के लिए यह मामला उच्चधिकारियों के माध्यम से राज्य सरकार के ध्यान में लाया जाएगा।
कृष्णकुमार व्यास, क्षेत्रीय वन अधिकारी (वन्यजीव), खीचन
शीतकालीन प्रवास पर हजारों की तादाद में आने वाले डेमोसाइल क्रैन के लिए उनके पड़ाव स्थल खीचन में बर्ड रेस्क्यू सेंटर की अत्यधिक आवश्यकता है। अब जमीन उपलब्ध है, तो रेस्क्यू सेंटर निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति मिलनी चाहिए।
सेवाराम माली, पक्षी प्रेमी, खीचन, फलोदी
Source: Jodhpur