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जोधपुर. कोरोना काल में जोधपुर डिपो की आर्थिक रूप से मानो कमर ही टूट गई। आलम यह है कि डिपो के कार्मिकों को समय पर वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते अब डिपो मुख्यालय के निर्देशों के साथ यात्री भार बढ़ाने के लिए प्रचार-प्रसार में जुटा हुआ है। जिससे की डिपो को पर्याप्त यात्री भार मिल सके तथा समय पर कार्मिकों को वेतन उपलब्ध करवाया जा सके।

लक्ष्य से आधा भी नहीं मिल पा रहा यात्री भार
कोरोना काल में जोधपुर डिपो की आर्थिक हालत खस्ताहाल हो गई। कोरोना के चलते फिलहाल डिपो को यात्री भार का लक्ष्य मुख्यालय से नहीं दिया गया है लेकिन आलम यह है कि प्रतिदिन 45 हजार किलोमीटर चलने वाली डिपो की बसें पर्याप्त यात्री भार नहीं मिलने के कारण वर्तमान में 15 से 20 हजार किलोमीटर रूटों पर प्रतिदिन दौड़ पा रही है।

यह है यात्री भार की स्थिति
वर्ष 2020 में अप्रेल व मई माह में डिपो की बसें एक किलोमीटर भी नहीं चली। मार्च माह में कुछ दिन 15 हजार 500 किलोमीटर प्रतिदिन बसें चल सकी। इसी तरह जून माह में 8 हजार किलोमीटर प्रतिदिन, जुलाई माह में 9148 किलोमीटर प्रतिदिन, अगस्त माह में 15 हजार 500 किलोमीटर प्रतिदिन तथा सितम्बर माह में 21 हजार किलोमीटर प्रतिदिन जोधपुर डिपो की बसें रूट पर दौड़ी। जबकि मार्च माह से पहले प्रतिदिन 45 हजार किलोमीटर बसें रूट पर चलाने का लक्ष्य रखा गया था।

इन्होंने कहा
यात्री भार बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए प्रचार-प्रसार भी कर रहे है। लेकिन फिलहाल कोरोना के चलते बसों में सीटों की संख्या से ज्यादा यात्री नहीं बिठा रहे है।
– बीआर बेड़ा, चीफ मैनेजर, जोधपुर डिपो

Source: Jodhpur

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