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बाड़मेर. सालों बाद थार की धरा में चहुंओर खुशियों की फसल लहलहा रही है। इस बार बढि़या बारिश हुई तो मौसम भी अपेक्षाकृत सही रहा। यहीं कारण है कि अब किसानों को बम्पर कमाई की उम्मीद है। लम्बे समय किसानों की किस्मत साथ दे रही है।

अभी अधिकमास शुरू होते ही किसान अपनी मेहनत की कमाई लेने में जुट गए हैं। बाजार में बाड़मेर का बाजरा आ रहा है तो मूंग व मोठ भी बिकने लगे हैं। इधर, मतीरा, काचरा से खेत अटे हुए हैं।

एेसे में उम्मीद है कि इस साल दिवाली से पहले किसानों के घर लक्ष्मी की भरपूर बारिश होगी। जिले में इस बार खरीफ की बुवाई का लक्ष्य १४ लाख ५७ हजार हैक्टेयर था जिसके मुकाबले १४ लाख ०८ हजार हैक्टेयर में बुवाई हुई। लगभग लक्ष्य की प्राप्ति होने के बाद किसान मौसम की मेहरबानी रहने की अरदास कर रहे थे। किसानों की अरदास को भगवान ने सुना भी और फसलों को मौसम ने ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया। हालांकि बीच के कुछ दिनों में तेज गर्मी पडऩे से फसलें जलने लगी थी लेकिन एक बार हल्की बारिश होने से राहत मिल गई।

बाजार में आने लगा बाजरा – जिले में सबसे अधिक बाजरा की बुवाई होती है, ८ लाख ४० हजार के लक्ष्य के मुकाबले ८ लाख २५ हजार हैक्टेयर में इस बार बुवाई हुई। ग्वार की बुवाई २ लाख ९० हजार हैक्टेयर, मोठ १ लाख ७३ हजार २६२ हैक्टेयर में बोया गया।

लक्ष्य से अधिक बुवाई वाली फसलें – जिले में अरण्डी की बुवाई का लक्ष्य ३२ हजार हैक्टेयर था जिसके मुकाबले ३८ हजार ४५० हैक्टेयर में बुवाई हुई। ज्वार नौ हजार के मुकाबले नौ हजार तीस, मंूगफली तीन हजार के मुकाबले ३११०, अन्य फसलें आठ हजार के मुकाबले ८१४१ हैक्टेयर में बोई गई।

फैक्ट फाइल फसल बुवाई

बाजरा ८२५०००

ज्वार ९०३०

मूंग ५६७७५

मोठ १७३२६२

तिल ४७२०

मूंगफली ३११०

अरण्डी ३८४५०

ग्वार २९००००

अन्य ८१४१

कुल १४०८४८८

Source: Barmer News

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