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बिलाड़ा. नगर पालिका में अधिशासी अधिकारियों के विवाद को लेकर स्थानीय निकाय विभाग उपनिदेशक भी धर्म संकट में फंस गए हैं। इस विवाद की गेंद विशिष्ट सचिव स्वायत शासन विभाग के पाले में डालते हुए विवाद का हल करने के लिए पत्र लिखकर आग्रह किया है। विवाद का हल निकले तब तक बिलाड़ा एवं पीपाड़ पालिका के अधिशासी अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों को सीज कर दिया गया है।

बिलाड़ा पालिका के अधिशासी अधिकारी नरेंद्र सिंह काबा एवं हरीशचंद्र गहलोत ने स्वायत्त शासन विभाग जयपुर को लिखी अपनी स्थिति की प्रति गुरुवार को उप निदेशक स्थानीय निकाय विभाग जोधपुर के दलवीर सिंह ढड्ढा को प्राप्त हुई तो उन्होंने संज्ञान लेते हुए बिलाड़ा के काबा, गहलोत एवं पीपाड़ के अधिशासी अधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा से वे सभी पत्रावलियां लेकर उन्हें अपने यहां तलब किया, जिनके द्वारा उन्हें राज्य सरकार एवं न्यायालय से प्राप्त स्थगन आदेश प्राप्त हुए,इन सभी आदेशों की मान्यता प्राप्त प्रतियां लेकर बुलाया। इसी के साथ आदेश जारी कर इन तीनों अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों को सीज करते हुए निर्देशित किया गया कि वे सिर्फ कस्बों में सफाई अभियान पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रकार का लेनदेन नहीं करें।

उपनिदेशक ने मांगी स्वायत्त शासन विभाग से राय

स्थानीय निकाय विभाग जोधपुर के उपनिदेशक दलवीर सिंह ने स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं विशिष्ट सचिव को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत कराते हुए कहा कि राज्य सरकार के आदेश पर नरेंद्र सिंह काबा ने हरीश चंद्र गहलोत के स्थान अधिशासी अधिकारी के रूप में 30 सितंबर को कार्यभार ग्रहण किया। वहीं हरीशचंद्र गहलोत ने भी 30 सितंबर को पीपाड़ पालिका में कार्यभार ग्रहण कर लिया। तब पीपाड़ के अधिशासी अधिकारी सुरेश चंद्र शर्मा जयपुर स्थित निदेशालय के लिए एपीओ कर दिया गया। शर्मा ने हाईकोर्ट में वाद दायर कर इस स्टे लेकर पुन: पीपाड़ शहर में अधिशासी अधिकारी के पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया। जिस पर हरीशचंद्र गहलोत को राज्य सरकार के आदेश से अग्रिम आदेश तक जयपुर मुख्यालय पर रहने के आदेश दिए गए।

यूं शुरू हुआ विवाद
उपनिदेशक दलवीर सिंह ने पत्र में शासन सचिव को अवगत कराते हुए लिखा कि हरीश चंद्र गहलोत ने उच्च न्यायालय जोधपुर में एक रिट हरीश चंद्र गहलोत बनाम सरकार दायर की जिसकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय जोधपुर ने पीपाड़ शहर से एपीओ होने के आदेश पर स्थगन आदेश जारी कर दिया। लेकिन पीपाड़ नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी पद के लिए सुरेश चंद्र शर्मा पहले ही स्थगन आदेश ले आ चुके थे। अत: इस पर गहलोत ने पीपाड़ पालिका में कार्यभार ग्रहण करने के स्थान पर वह बिलाड़ा नगर पालिका पहुंच कर कार्यभार एज्यूम कर लिया। इस पर सुरेश चंद्र शर्मा का भी कहना था कि न्यायालय के स्थगन आदेश पर न्यायालय पुन: स्थगन क्यों कर देगा।

पशोपेश में बिलाड़ा और पीपाड़

उपनिदेशक दलवीर सिंह ने स्वायत्त शासन सचिव को पत्र लिखकर उक्त विवाद का हल करने की राय मांगी है, तथा कहा है कि जल्द ही विवाद का हल हो जाए, ताकि नगर पालिका चुनाव कार्य का संधारण विधि पूर्वक किया जा सके। इसी संदर्भ में विधि वेत्ताओं का मानना है कि पीपाड़ अधिशासी अधिकारी उच्च न्यायालय से एक अक्टूबर को स्थगन आदेश लेकर आए थे और हरीशचंद्र गहलोत ने पीपाड़ से अपने एपीओ होने के आदेश पर न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया। जिस पर न्यायालय 6 अक्टूबर को स्थगन आदेश दिया।

Source: Jodhpur

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