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बाड़मेर. नवम्बर-दिसम्बर में शादियों की धूम तो है लेकिन कोरोना का असर अभी से नजर आ रहा है। कोरोना गाइड लाइन के चलते सौ से अधिक लोगों के शामिल होने पर छूट नहीं जिस पर मेजबान भी ऊहापोह में है कि किसे मना करें और किसकों बारात में शामिल होने का न्यौता दें। वहीं, विवाह का खर्चा भी कम करना पड़ रहा है। बंदोली या महिला संगीत बंद है तो खाने के मेन्यू में भी कटौती हो रही है, वहीं मेहमानों की सूची भी छोटी की जा रही है।

हालांकि अभी भी अक्टूबर के आखिर तक का इंतजार है कि क्या पता दो सौ जनों को विवाह में शामिल होने की छूट मिल जाए अन्यथा विवाह की खुशी में कहीं रिश्ते टूटने की कड़वाहट ना घूल जाए। विश्व व्यापी महामारी कोरोना का असर पूर्व में भी विवाह समारोह पर पड़ा जब शादियां तय हो चुकी थी तो शामियाने भी लग गए थे तभी २१ मार्च को देश में लॉकडाउन लग गया। इसके चलते २२ मार्च को होने वाली शादियां भी रुक गई तो बाद में तय शादी समारोह स्थगित हो गए।

कन्या व वर पक्ष के लोगों ने कोरोना के चलते उस वक्त शादियां स्थगित की जिसके बाद चौमासा लग तो चार माह विवाह सहित शुभ कार्य करना वर्जित हो गया। अब जबकि चौमासा खत्म हो रहा है जिसके बाद नवम्बर व दिसम्बर में शादियों का दौर शुरू होगा। अब तक स्थगित की गई शादियां करने की तैयारियां शुरू हो गई है, लेकिन कोरोना की मार अब भी विवाह समारोह पर भारी पड़ रही है।

सरकार ने कोरोना को लेकर अभी भी गाइड लाइन तय कर रखी है जिसके अनुसार विवाह समारोह में सौ से अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकेंगे। एेसे में आयोजक परिवारों की चिंता रिश्तों में खटाश पडऩे की है।

न्यौता के साथ कैसे करें मना- जिन घरों में विवाह की तारीखें तय हो चुकी है, वे अभी से रिश्तेदारों को न्यौता दे रहे हैं।

न्यौता देना तो आसान हो गया है, लेकिन अपने मुंह से कम जनों को आने या बारात में नहीं चलने की बात कैसे कहें, यह चिंता सता रही है।

कुम्कुम पत्रिका भी कम, मेन्यू भी छोटा- कोरोना में कम लोगों को बुलाने के लिए शादी समारोह वाले परिवार कम से कम कुम्कुम पत्रिका छपवा रहे हैं जिससे कि अपने खास लोगों को ही निमंत्रण भेज सके। इतना ही नहीं दूर-दराज रहने वाले रिश्तेदारों के घर कार्ड नहीं भेजने का मानस भी बना रहे हैं। गांव में भी जो खास है उनके घर ही पत्रिका देने की बात सोची जा रही है। खाने का मेन्यू भी छोटा किया जा रहा है। विभिन्न स्टॉल लगाने की जगह इक्की-दुक्की स्टॉल लगाने की तैयारी है तो मिठाई व अन्य आइटम भी कम किए जा रहे हैं। घर का बंदौला या रिसेप्शन पर भी कम ही मेहमानों को आमंत्रित करने पर सोच विचार चल रहा है।

मात्र पांच सावे- नवम्बर-दिसम्बर में मात्र पांच सावे ही है। नवम्बर में २५, ३० नवम्बर तथा दिसम्बर में ७, ८ व ११ दिसम्बर को सावे है। इसके सीधे अप्रेल माह में ही सावे हैं, जिस पर इन पांच सावों में बम्पर विवाह समारोह की उम्मीद है।

सावे कम, ज्यादा शादियां- इस बार नवम्बर-दिसम्बर में कम ही सावे हैं, जिस पर ज्यादा शादियां होने की उम्मीद है। कोरोना के चलते कम लोगों के शामिल होने की गाइड लाइन का असर भी इस पर पड़ेगा।- पंडित सुनील व्यास

Source: Barmer News

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