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रतन दवे
बाड़मेर पत्रिका.
पश्चिमी सरहद की ओर चीन और पाकिस्तान ने नेटवर्क बढ़ाने के संकेत मिलते ही भारत ने सरहद के इस छोर से भी दोनों देशों को चेता दिया है कि नापाक हरकतों को जवाब देने को भारत तैयार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जैसलमेर के लोंगेवाला से हुए संबोधन ने पाक को 1971 की तरह ही मुंहतोड़ जवाब देने की चेतावनी दे दी है। इधर पश्चिमी सीमा को भारत लगातार मजबूत करने के लिए संसाधनों और साजो सामान का बंदोबश्त कर रहा है। पाकिस्तान की हर हरकत पर भी नजर है।
पाकिस्तान की करतूत
– पश्चिमी सीमा पर बने जीरो प्वाइंट रेलवे स्टेशन का नाम पाकिस्तान ने बदलकर मारवी कर लिया है। अंतरर्राष्ट्रीय नियमों को तोड़कर वर्ष 2006 में यह रेलवे स्टेशन थार एक्सप्रेस के संचालन के समय पाकिस्तान ने बनाया जो जीरो प्वाइंट से सौ मीटर की दूरी पर है। इसका उपयोग अवांछित गतिविधियों के लिए करने का संदेह जताते हुए भारत ने कई बार ऐतराज किया लेकिन पाकिस्तान इस पर माना नहीं। करीब दो साल पहले थार एक्सपे्रस बंद होने के बाद इस रेलवे स्टेशन का नाम बदला गया है। यह मुनाबाव से ठीक सामने है।
– पाकिस्तान ने जैसलमेर के सामने की सीमा में कदनवाली खेरपुर के पास में चीन के सहयोग से एयरबेस तैयार किया है। इसी तरह बाड़मेर में मुनाबाव के सामने थारपारकर इलाके में और कच्छ रण के सामने मिठी इलाके में भी एयरबेस बनाने की जुगत में है।
– चीन केरीडोर का निर्माण कर रहे पाकिस्तान ने इसे पश्चिमी सीमा तक बढ़ाना प्रारंभ कर दिया है। इसको लेकर भारत के ऐतराज बाद भी पाकिस्तान मान नहीं रहा है। चीन केरीडोर की सुरक्षा के लिए भी पाक और चीन के सैनिकों की संयुक्त गश्त लगाई जा रही है।
– पाकिस्तान ने पुराने तस्करों के तार को फिर से सक्रिय कर दिया है। नकली नोटों की खेप बाड़मेर,जैसलमेर, गंगानगर बॉर्डर से पकड़ी गई है जिनके तार पाकिस्तान से जुड़े हुए है। हथियारों के मामले भी सामने आए।
– पाक घुसपैठियों को तारबंदी पार करवाने की घटनाएं भी सामने आई है।
भारत का मुंहतोड़ जवाब
– आधुनिक हुए वॉच टॉवर
भारत ने बीएसएफ के वॉच टॉवर को आधुनिक किया है। जहां पहले टीन छप्पर के वॉच टॉवर थे वहां अब दो मंजिला आधुनिक वॉच टॉवर कर निर्माण किया गया है। गर्मी में 50 डिग्री तापमान और सर्दियों में 5 डिग्री तापमान छूने पर भी यहां जवानों को अब मुश्तैदी से ड्युटी करने में सहूलितय होगी।
– भारत माला प्राजेक्ट
पश्चिमी सीमा पर भारतमाल प्राजेक्ट के तहत युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। इस प्राजेक्अ से पूरे देश में सेना के लिए अब सुगम रास्त होगा। भारतीय सरहद को छूते इस प्रोजेक्ट के पश्चिमी सीमा में पूरा होने पर यहां रेगिस्तान में परिवहनका बड़ा मार्ग सेना के लिए खुल जाएगा।
– कच्छ की पोस्ट सीमा तक
सरक्रिक और कच्छभुज के रण और दलदल के इलाके में भारत की बीओपी(बॉर्डर पोस्ट) सरहद के काफी पीछे तक थी जिनको अब तारबंदी से सटे हुए कर दिया था। हरामीनाल से लगते इलाके में दलदली क्षेत्र में निगरानी रखना बहुत मुश्किल होने से घुसपैठ की सबसे ज्यादा आशंका रहती थी। इन पोस्ट के अब सरहद के लगते जाने से भारत की मजबूती बढ़ी है।
– पाक नेटवर्क को मिलेगा जवाब
पाकिस्तानी नेटवर्क और सिम भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा रही थी तो इधर भारतीय सीमा पर मोबाइल टॉवर कम होने से नेटवर्क की समस्या आ रही थी। अब सरहद पर मोबाइल टॉवर लगाने का कार्य पूर्णता की ओर है। इससे नेटवर्क को लेकर समस्या का समाधान होने से भारत की इंटरनेट मजबूती भी सरहद पर बढ़ रही है।
हौंसलों को मजबूत देने आए प्रधानमंत्री
पाकिस्तान व चीन की ओर से पश्चिमी सीमा को टारगेट करने के संकेतों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दिपावली को यहां पहुंचे और उन्होंने पश्चिमी सीमा की सबसे मजबूत पोस्ट लोंगेवाला से संबोधित किया। 1971 के युद्ध में पाक के दांत खट्टे करने वाली शौर्य और जाबांजी की देश की अद्वितीय मिसाल इस पोस्ट से प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के हौंसले बुलंद करते हुए कहा कि हमें समझना और समझााना दोनों आता है और भूले से भी आजमाएं नहीं।

Source: Barmer News

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