बाड़मेर. गायत्री परिवार की प्रेरणा से बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में शनिवार को पहला देहदान हुआ। अहमदाबाद में मृत्यु के बाद परिजन देह को लेकर बाड़मेर पहुंचे और यहां कॉलेज में संपूर्ण प्रोटोकॉल को पूरा करते हुए एनोटॉमी विभाग को देह सुपुर्द की।
मूलत: बाड़मेर के रहने वाले खेताराम सांझीरा (83) का अहमदाबाद में निधन हो गया। परिजनों के अनुसार देह त्यागने से पहले उन्होंने देह मेडिकल कॉलेज बाड़मेर को दान करने की इच्छा जताई थी। परिजनों ने उनकी इच्छानुसार शनिवार को यहां पर देह कॉलेज को सौंप दी।
गायत्री परिवार बना प्रेरणा
सेवानिवृत्त कंपाउंडर व ढाट महेश्वरी समाज बाड़मेर के पूर्व अध्यक्ष खेताराम गायत्री परिवार से भी जुड़े रहे। देहदान में गायत्री परिवार की प्रेरणा रही। परिजनों ने अहमदाबाद से ही कॉलेज प्रबंधन को देहदान करने को लेकर एक दिन पहले ही जानकारी दी थी। कॉलेज की ओर से देह लेने की सहमति मिलने पर परिजन बाड़मेर पहुंचे और शनिवार को देह को सुपर्द कर दिया। कॉलेज के एनोटॉमी विभाग के देहदान प्रभारी डॉ. मुकेश फुलवारिया ने प्रोटोकॉल को अपनाते हुए प्रक्रिया पूरी करवाई।
कॉलेज में पहला देहदान
बाड़मेर कॉलेज के शुरू होने के बाद पहला देहदान हुआ है। अब तक यहां पर पढऩे वाले मेडिकोज के लिए जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज से देह एनोटॉमी विभाग को मिलती थी। देहदान के दौरान देहदानी के पुत्र वीरेंद्र कुमार माहेश्वरी, गायत्री परिवार के मांगीलाल शर्मा, रेवंतसिह आदि मौजूद रहे।
परिजनों के इस कदम से अन्य भी होंगे प्रेरित
हमारे स्टूडेंट्स और कॉलेज के लिए खेताराम दधीचि की तरह है। मेडिकल कॉलेज का यह पहला देहदान है। उनके परिजनों का कॉलेज प्रबंधन आभारी है। इससे अन्य लोग भी प्रेरित होंगे। मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए देह उनके अध्ययन का अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है।
डॉ. आरके आसेरी, principal राजकीय मेडिकल कॉलेज बाड़मेर
Source: Barmer News