बाड़मेर. 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद 20 मई 1973 को पाकिस्तान तस्करों से मुठभेड़ में हुए शहीद गोविंदसिंह की वीरांगना का टीम थार के वीर की ओर से सोमवार को जिला मुख्यालय पर अभिनंदन किया गया।
टीम थार के वीर के रघुवीरङ्क्षसह तामलोर ने बताया कि1973 में पाकिस्तान की तरफ जहां रहे तस्कों को सीमा सुरक्षा बल की 13वीं वाहिनी के पोस्ट कमांडर गोविंदसिंह ने रुकने का इशारा किया, लेकिन वे रुके नहीं और भारतीय जवानों पर गोलाबारी शुरू कर दी। बीएसएफ और पाकिस्तान के तस्करों के बीच मुठभेड़ में कई तस्करों को मार गिराया, लेकिन इस दौरान गोविंदसिंह भाटी शहीद हो गए। बावजूद इसके गोविंदसिंह को शहीद का दर्जा नहीं मिल पाया था।
1973 से 2020 तक 47 सालों के लंबे इंतजार के बाद ग्रामवासियों और विभिन्न संगठनों के संयुक्त प्रयास से सीमा सुरक्षा बल और गृह मंत्रालय ने 16 दिसंबर 2020 को उन्हें शहीद का दर्जा देकर उनके घर पर विजय दिवस के दिन खुशियों का पैगाम दिया।
सीमा सुरक्षा बल की 13वीं वाहिनी वर्तमान में बाड़मेर में सेवारत है जिसके पास गोविंदसिंह की 90 वर्षीय वीरांगना अमानकंवर, उनके पुत्रों व पोतों के साथ गोविंदसिंह के कागजात लेकर बाड़मेर पहुंची तो शहरवासियों ने उनका अभिनंदन किया।
वीरांगना अमानकंवर का प्रियंका गुप्ता, भानु चौधरी और भारती माहेश्वरी के साथ सीमा सुरक्षा बल की 13वीं वाहिनी, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद बाड़मेर, टीम थार के वीर ,मरुगूंज संस्थान, निजी शिक्षण संघ, लायंस क्लब मालाणी आदि ने स्थानीय शहीद स्मारक पर माल्यार्पण,शॉल और स्मृति चिन्ह से सम्मान किया।
13वीं वाहिनी के गौरव है शहीद गोविंदसिंह भाटी – खैरवा स्थानीय शहीद स्मारक पर आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए सीमा सुरक्षा बल की 13 वीं वाहिनी के डिप्टी कमांडेंट सुल्तानसिंह खैरवा ने कहा कि हमें शहीद गोविंदसिंह भाटी की वीरता और पराक्रम पर फक्र है। भाटी हमारी वाहिनी के गौरव है। हम सदैव शहीद भाटी के परिवार के साथ है। कैप्टन हीरसिंह भाटी ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल और गृह मंत्रालय ने शहीद गोविंदसिंह भाटी की वीरता औऱ शहादत की कद्र करते हुए शहीद का दर्जा दिया है, यह सबके लिए सम्मान की बात है। टीम थार के वीर से जुड़े प्रेमाराम भादू ने कहा कि शहीद गोविंदसिंह भाटी को शहीद का दर्जा मिलने से तापू गांव नौजवानो के प्रेरणा केंद्र बनेगा।
सेवानिवृत्त जेसीओ रामसिंह भाटी, लायंस क्लब मालाणी अध्यक्ष इन्द्र पुरोहित, युवराज सिंह राजपुरोहित और अशोक राजपुरोहित ने भी विचार व्यक्त किए।
इधर, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के अध्यक्ष कैप्टन हीरसिंह, शहीद उगमसिंह राठौड की वीरांगना किरणकंवर, टीम थार के वीर के रघुवीरसिंह तामलोर ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल पीएस गंगवार से मिलकर शहीद गोविंदसिंह का नाम बाड़मेर के शहीदों में दर्ज करने की मांग की।
इस दौरान शहीद गोविंदसिंह की वीरांगना अमानकंववर, उनके पुत्र भंवरसिंह, उम्मेदसिंह और पौत्र दीपसिंह साथ रहे। श्रवण खदाव, विक्रमङ्क्षसह कोलू, हड़वंतसिंह बीजराड़, धनपतसिंह मोढ़ा, कैलाश भाम्भू , खेमराज खोथ आदि मौजूद रहे। संचालन प्रवीणसिंह मीठड़ी ने किया।
Source: Barmer News