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जोधपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की विशेष विंग ने शेरगढ़ में ई-मित्र संचालक से बीस हजार रुपए रिश्वत लेते सूचना, तकनीकी व संचार विभाग के सूचना सहायक व एक अन्य व्यक्ति को मंगलवार को गिरफ्तार किया। उसने ई-मित्र सेवा केन्द्र पर आधार कार्ड बनवाने के बदले बतौर कमीशन डरा-धमकाकर यह रिश्वत लेकर एसीबी से बचने के लिए निजी व्यक्ति की जेब में छुपाई थी।

एसीबी के उप महानिरीक्षक डॉ विष्णुकांत ने बताया कि शेरगढ़ में तहसील कार्यालय परिसर स्थित ई-मित्र संचालक हरीश पुत्र चैनाराम की शिकायत पर सूचना, तकनीकी व संचार विभाग के सूचना सहायक भालू राजवा निवासी रविन्द्र कुमार (३२) पुत्र मूलराम लखारा व देवीगढ़ निवासी निजी व्यक्ति रामूराम (३३) पुत्र लालाराम मेघवाल को बीस हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। आरोपी ई-मित्र सेवा केन्द्र पर अधिकारी है।
सूचना सहायक रविन्द्र ने एसडीएम कार्यालय परिसर स्थित ई-मित्र सेवा केन्द्र में परिवादी से बीस हजार रुपए रिश्वत ली। फिर एसीबी से बचने के लिए वह एक अन्य कमरे में गया, जहां मौजूद रामूराम मेघवाल की जेब में रिश्वत राशि छुपा दी। तभी विशेष विंग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ दुर्गसिंह राजपुरोहित के नेतृत्व में एसीबी ने दबिश देकर सूचना सहायक रविन्द्र के साथ रंगे हाथ होने से रामूराम मेघवाल को भी गिरफ्तार किया। दोनों को शेरगढ़ थाने ले जाकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।

प्रति आधार कार्ड साठ प्रतिशत कमीशन
एएसपी डॉ दुर्गसिंह राजपुरोहित ने बताया कि शेरगढ़ एसडीएम कार्यालय परिसर में दो-तीन ई-मित्र केन्द्र हैं, जहां आधार कार्ड सेवा केन्द्र भी संचालित होता है। सूचना सहायक प्रति आधार कार्ड पर साठ प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहा था। शेरगढ़ के ई-मित्र संचालकों ने कमीशन देने से इनकार किया तो सूचना सहायक ने आधार कार्ड बनाने वाली मशीनें हटाने की धमकियां दी थी। उसने ई-मित्र संचालक से पिछले दो महीने के तेइस हजार रुपए मांगे। ई-मित्र संचालक ने एसीबी के टोल फ्री नम्बर १०६४ पर शिकायत की। ब्यूरो ने सोमवार को गोपनीय सत्यापन कराया तो सूचना सहायक २३ हजार रुपए लेना तय किया और उसने दो हजार रुपए रिश्वत ले भी लिए। शेष बीस हजार रुपए मंगलवार को लेना तय किया गया था।

हर आधार कार्ड बनने की जानकारी पर नजर
एसीबी का कहना है कि सूचना, तकनीकी व संचार विभाग के सूचना सहायक को ई-मित्र केन्द्रों से बनने वाले प्रत्येक आधार कार्ड की जानकारी रहती है। ई-मित्र केन्द्रों से कितने आधार कार्ड बनते हैं वो उनका पूर्ण ब्यौरा सूचना सहायक के पास होता है। इसीलिए आरोपी हर आधार कार्ड के हिसाब से कमीशन की मांग कर रहा था।

Source: Jodhpur

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