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जोधपुर। सेंट्रल जेल की सुरक्षा को लेकर पिछले लम्बे समय से कई विवाद उठे हैं, लेकिन जेल के पिछले छोर पर कचरे से अटा परिसर और टूटी दीवार अलग ही कहानी कहते हैं। यहां प्रतिदिन कई टन कचरा खाली व जमा होता है। दीवार का बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त है। खास बात यह है कि प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी है, लेकिन अब तक मरम्मत का इंतजार है।

जेल के पिछले छोर पर रेलवे स्टेशन के द्वितीय द्वार के सामने कचरे का अस्थाई डम्पिंग स्टेशन बना हुआ है। इसे लेकर रेलवे प्रशासन और जेल प्रशासन दोनों को परेशानी है और आपत्ति जता चुके हैं। कई बार यहां से डम्पिंग स्टेशन हटाने पर भी मंथन हुआ, लेकिन इस पर अमल नहीं हो पाया। इसी डम्पिंग स्टेशन के समीप जेल की दीवार भी क्षतिग्रस्त हुई। धीरे-धीरे यह क्षतिग्रस्त हिस्सा इस हद तक बढ़ गया है कि यहां से बड़ी गाड़ी भी निकल सकती है।

लगातार मिल रही शिकायतें
जेल परिसर में लगातार सामान पहुंचने की शिकायतें मिल रही है। कई बार जांच में यह सामने भी आया है। लेकिन इसके बावजूद कोई ध्यान नहीं दे रहा। यह दीवार भी कई माह से क्षतिग्रस्त है।

बजट जारी करवा दिया है
जेल के पीछे की चार दीवारी पहले से क्षतिग्रस्त है। पास ही डंपिंग यार्ड भी है। दीवार का फिर से निर्माण कराने के लिए बजट जारी करवा लिया गया है। जल्द ही नई दीवार बनाई जाएगी।
– ओमप्रकाश शर्मा, जेल अधीक्षक, जोधपुर सेन्ट्रल जेल।

Source: Jodhpur

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