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जोधपुर. वायुसेना ने हाल ही में 83 स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस खरीदने की स्वीकृति दी है। चीन द्वारा लड़ाकू विमानों की छठी जनरेशन की टेक्नोलॉजी विकसित करने के परिपेक्ष्य में भारतीय वायुसेना भी तेजस में छठी जनरेशन टेक्नोलॉजी के सेंसर, हथियार और इलेक्ट्रॉनिक्स इनबिल्ट करवा रही है। भारतीय वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने कहा कि भारत लड़ाकू विमानों की पांचवी जनरेशन में देरी से शामिल हुआ है। ऐसे में छठी जनरेशन के कुछ इक्विपमेंट्स तेजस में डाले जाएंगे। इसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को जिम्मेदारी दी गई है। जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने कहा कि चीन आक्रमक रूख अपनाता है तो भारतीय वायुसेना भी पीछे नहीं हटेगी। पुराने रूसी विमानों मिग-21 के स्थान पर तेजस की तैनाती की जाएगी।
जोधपुर में भारत और फ्रांस के मध्य चल रहे युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट-21 के संबंध में भदोरिया ने कहा कि साढ़े तीन दिन के इस युद्धाभ्यास में दोनों ही देशों की वायु सेना ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। अंतिम एक दिन युद्धाभ्यास को उच्च स्तर पर ले जाकर परखा गया जिसमें भारत के साथ फ्रांस की वायुसेना को भी बहुत कुछ सीखने को मिला है। भारतीय वायुसेना में चूंकि रफाल विमान शामिल हो गए हैं ऐसे में उनके अन्य भारतीय लड़ाकू विमान के साथ तालमेल को परखा जा रहा है। सुखोई-३० एमकेआई और मिराज-2000 विमानों के बाद अन्य भारतीय विमानों के साथ भी रफाल का युद्धाभ्यास किया जाएगा।

भदोरिया ने कहा कि भारतीय वायुसेना अब हथियार और सेंसर विकसित करने पर काम कर रही है ताकि वायुसेना का मॉडर्नाइजेशन हो सके।

Source: Jodhpur

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