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जोधपुर. फ्रांस ने भारत को ३६ अतिरिक्त रफाल, ६ एयरबस ए-३३० और कुछ पैंथर हेलीकॉप्टर खरीद के लिए बेहतर पैकेज डील का प्रस्ताव दिया है। एक पखवाड़े पहले दिल्ली में फ्रांस के राष्ट्रपति इमेनुअल मेक्रोन के कूटनीतिक सलाहकार इमेनुअल बॉन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद शनिवार को फ्रांस के भारत में राजदूत इमेनुअल लिनेन भारत-फ्रांस वायुसेना का युद्धाभ्यास देखने जोधपुर पहुंचे। युद्धाभ्यास के बाद उन्होंने भारतीय वायुसेना के अधिकारियों और जोधपुर आए वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया से रफाल का युद्ध कौशल और रणनीति पर चर्चा की।

पत्रकारों के साथ सम्मेलन में एयर चीफ मार्शल भदौरिया के साथ फ्रांस राजदूत लिनेन भी शामिल हुए। भदौरिया से नई डील के संबंध में प्रश्न पूछने पर उन्होंने इसका सीधा उत्तर नहीं दिया। एयर चीफ बोले कि भारत कुछ और एयरक्राफ्ट खरीद रहा है। वह सरकार के पास प्रक्रिया में है। इसमें रफाल सबसे अच्छा प्रतिद्वंदी है। भारतीय वायुसेना में पहले से ही रफाल की दो स्क्वाडर्न (३६ रफाल) शामिल हो रही है। एेसे में पहले से मौजूद वैसे ही एयरक्राफ्ट की अतिरिक्त खरीद के अपने ही फायदे होते हैं। भदौरिया ने यह जरुर कहा कि फ्रांस से रिफ्यूलिंग टैंकर एयरबस-ए३३० एमआरटीटी को लेकर वायुसेना गंभीर है। यह बेहतरीन विकल्प है। गौरतलब है कि भारत-फ्रांस के युद्धाभ्यास डेजर्ट नाइट-२१ के दौरान फ्रैंच रफाल के साथ भारतीय रफाल विमानों ने भी फ्रैंच टैंकर से हवा में ईंधन भरने का अभ्यास किया था। दो दिन पहले युद्धाभ्यास देखने आए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भी रफाल की जगह फ्रैंच टैंकर में उड़ान भरकर इसकी क्षमता को परखा।

भारत में रफाल पर पायलट्स का प्रशिक्षण शुरू
वायुसेनाध्यक्ष भदौरिया ने कहा कि ‘कॉकपिट टू पायलट’ अनुपात बराबर रखने के लिए अब भारत में भारतीय रफाल लड़ाकू विमानों पर पायलट्स का प्रशिक्षण आरंभ कर दिया गया है। गत सितम्बर में ५ रफाल आने के बाद अब तक ८ रफाल भारत को मिल चुके हैं। भदौरिया ने कहा कि ३ और रफाल इस महीने के अंत तक आ जाएंगे। कुछ रफाल फ्रांस में है जिस पर भारतीय पायलट्स वहां प्रशिक्षण ले रहे हैं। अब पायलट्स के तीन बैच तैयार किए जा चुके हैं। अगले साल रफाल विमानों का पूरा बेड़ा विकसित हो जाएगा।

बड़ी आत्मीयता से बोले फ्रांस के राजदूत
फ्रांस के राजदूत लिनेन ने प्रेस वार्ता में भारत के साथ पुरानी दोस्ती को आत्मीयता के साथ याद किया। उन्होंने कहा कि भारत से सामरिक संबंध १९५३ से है। भारत के परमाणु परीक्षण के बाद कई देश भारत के विरुद्ध हो गए थे लेकिन फ्रांस भारत के साथ डटा रहा।

Source: Jodhpur

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