दिलीप दवे बाड़मेर. कोरोना ने शिक्षा पर भी लगाम लगाई है। इस शिक्षा सत्र में ना तो सरकार ने विद्यालय क्रमोन्नत करने में रुचि दिखाई ना ही निजी विद्यालयों ने। स्थिति यह है कि प्राथमिक शिक्षा में तो आवेदन ही नहीं मांगे गए जबकि माध्यमिक में आवेदन घट कर आधे रह गए जिसमें से भी मात्र दो निजी विद्यालयों को क्रमोन्नति व फैकल्टी मिली। पूरे सत्र में दो सरकार विद्यालय क्रमोन्नत हुए।
शिक्षा को लेकर शिक्षा सत्र २०२०-२१ में कोरोना का असर दिखा। २१ मार्च २०२० से बंद हुआ शिक्षण कार्य १८ जनवरी २०२१ को शुरू हुआ जिसमें भी नवीं से बारहवीं की ही पढ़ाई हो रही है। इधर, स्कू ल बंद रहने का असर विद्यालय क्रमोन्नति, नई फैकल्टी और अतिरिक्त विषय आवेदन पर नजर आया है। जिले के ४७९४ विद्यालयों में से मात्र ०४ स्कू ल ही क्रमोन्नत हुए या फिर फैकल्टी मिली। इसमें से निजी विद्यालय दो और सरकारी विद्यालय दो है।प्राथमिक शिक्षा में नहीं मांगे आवेदन- प्राथमिक शिक्षा में प्लेइंग क्लाश से लेकर उच्च प्राथमिक विद्यालय आते हैं। हर साल करीब साठ-सत्तर आवेदन क्रमोन्नति, नवीन विद्यालयों की स्वीकृति के आते हैं।
इस बार ना तो आवेदन मांगे गए और न ही सरकार ने विद्यालय क्रमोन्नति की। एेसे में ४०९८ जिसमें से सैकड़ों की तादाद में निजी विद्यालय है, आवेदन का इंतजार ही करते रहे। २२ आवेदन दो को क्रमोन्नति- माध्यमिक शिक्षा के तहत जिले में ६९८ विद्यालय हैं। इनमें से करीब सौ विद्यालय निजी है। सरकार ने निजी विद्यालयों से क्रमोन्नति, फैकल्टी और अतिरिक्त विषय की स्वीकृति के आवेदन मांगे थे।
जिले से मात्र २२ आवेदन गए जिसमें से २ को अब तक फायदा मिला है। वहीं, राज्य सरकार ने मात्र दो विद्यालयों को क्रमोन्नत किया है।
आवेदन मांगे नहीं- सरकार ने विद्यालयों की स्वीकृति, क्रमोन्नति को लेकर आवेदन नहीं मांगे। सरकारी विद्यालयों की क्रमोन्नति भी नहीं हुई है।- मूलाराम चौधरी, सीडीईओ प्राथमिक शिक्षा बाड़मेर
दो विद्यालय क्रमोन्नत- निजी विद्यालयों की क्रमोन्नति, फैकल्टी व अतिरिक्त विषय को लेकर २२ आवेदन आए हैं, जिसमें से दो विद्यालयों को स्वीकृति मिली है। आगामी दिनों में स्वीकृति आने की उम्मीद है। वैसे पिछले सालों के मुकाबले आवेदन कम आए। दो सरकारी विद्यालय क्रमोन्नत हुए हैं।- जेेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक शिक्षा बाड़मेर
Source: Barmer News