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बाड़मेर. जिले में गर्मी के तल्ख तेवरों ने बॉर्डर से लेकर शहर तक चिंता बढ़ा दी है। बॉर्डर व गांवों में लोग पेयजल संकट की चिंता अभी से कर रहे हैं तो शहर में तेज गर्मी के चलते दिनचर्या पर असर पडऩे की चिंता है। गर्मी के चलते अभी से ही घरों में पंखे, कू  लर चलने लगे हैं।

इधर, आंधियों का दौर शुरू होने से किसान खड़ी फसलों को जल्द सहेजने की तैयारी कर रहे हैं। फरवरी के आखिरी पखवाड़े से बाड़मेर में गर्मी ने दस्तक दे दी है। फाल्गुन में ही दिन का अधिकतम तापमान ३८ डिग्री तक पहुंच चुका है जबकि अमूमन होली तक हल्की गुलाबी सर्दी का असर रहता है। दिन में तेज गर्मी पडऩे से लोगों की दिनचर्या बदली नजर आ रही है। दोपहर में तेज धूप के चलते लोग सुस्ताते नजर आते हैं।

वहीं, घरों में गर्मी के चलते पंखे व कू  लर भी चलने लगे हैं।

आंधियों ने बढ़ाई परेशानी- थार में आंधियों का दौर शुरू हो चुका है। आंधियों ने गांवों व ढाणियों के बाशिंदों की चिंता बढ़ा दी है। उड़ती रेत के बीच पूरे दिन लोग परेशानी झेल रहे हैं। फरवरी से ही आंधियों का दौर शुरू होने पर आगामी तीन माह तक आंधियों का दौर चलने की चिंता लोगों को परेशान कर रही है। वहीं, घरों व खेतों में रेत जमा होने से भी दिक्कत हो रही है।

पेयजल संकट को लेकर चिंता-गर्मी का दौर तेज होते ही परम्परागत जल स्रोतों से पानी जल्दी सूख जाएगा। एेसे में आगामी तीन माह तक गांवों व ढाणियों में पेयजल संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। इसको लेकर भी गांवों में लोग परेशान है। टांकों में ग्रामीण पानी सहेज कर रख रहे हैं।

फसलें सहेजने लगे किसान- तेज गर्मी के चलते किसान जीरा, ईसबगोल की फसलों को सहेजने लगे हैं। पिछले एक सप्ताह से खेतों में फसलों की कटाई चल रही है। जीरे की फसल को लेकर किसान विशेष सावधानी बरतते हुए कटाई कर रहे हैं।

Source: Barmer News

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