बाड़मेर. ऑल इंडिया एमएसएमइ एंड टैक्स प्रोफेशनल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीके बोथरा, संस्था सदस्योंं एवं करदाताओं ने शुक्रवार को केंद्रीय राज्य मंत्री व सांसद कैलाश चौधरी से मुलाकात कर निम्न व मध्यवर्ग व्यापारियों को जीएसटी के जटिल कानूनों व अधिक लेट फीस से हो रही रही समस्याओं से अवगत करवाया।
अध्यक्ष बोथरा ने बताया कि बाड़मेर-जैसलमेर में कोरोना के कारण बहुत से निम्न व मध्यवर्ग व्यापार करने वाले व्यापारियों का व्यापार चौपट हो गया है। लॉकडाउन के कारण माल विक्रय हो नहीं पाया और दुकानों का किराए के साथ घर के खर्चे चलना भी मुश्किल हो गया था। कुछ समय बाद स्थिति में सुधार आने लगा तो जीएसटी के जटिल कानून व भारी लेट फीस आड़े आ रही है।
जीएसटी लागू होने के बाद बहुत फेरबदल किए गए जिसको नए उद्यमी जानकारी के अभाव में समझ नही सके। इस कारण समय पर रिटर्न दाखिल नही कर पाएं और आज जीएसटी टैक्स राशि शून्य होते हुए भी रिटर्न की लेट फीस लाखों रुपए में आ रही है, जिसको व्यापारीगण जमा करने में सक्षम नहीं हैं। लेट फीस जमा किए बिना वो रिटर्न दाखिल नही कर पा रहे हैं, फलस्वरूप वो दुबारा बिजनेस शुरू भी नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण उनके सामने बेरोजगारी का, कालाबाजारी का और रोजगार छिनने का संकट उत्पन्न हो गया है।
बोथरा ने बताया कि बहुत से जगह देखा गया है कि कंपनियों ने छोटे व्यापारियों को जीएसटी नंबर लेने के लिए दबाव दिया जबकि उन छोटे व्यापारियों का 20 लाख का सालाना व्यापार ही नही था, उसके कारण इसका हर्जाना आज छोटे व्यापारियों भरना पड़ रहा है। उन्होंने केंद्रीय राज्य मंत्री के सामने यह समस्याएं रखते हुए कहा कि आम आदमी व छोटे व्यापारियों के लिए लेट फीस माफी की एमेंस्टी स्कीम एवं कठिन नियमो में संशोधन करवाने का आग्रह किया, जिससे छोटे व्यापारियों की लेट फीस माफ हो और कम से कम लगे शून्य कर के महीने वाले रिटन्र्स व अन्य जुर्माना को कम करके छोटे व्यापारियों को मुख्य धारा में आने का दुबारा अवसर दिया जाए। जटिल कानूनों में सरलीकरण किए जाए जिससे आम आदमी को सहूलियत मिलेगी।
केन्द्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने आश्वस्त किया गया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संपर्क कर जल्द ही छोटे कारोबारियों की समस्याओं का समाधान करने का पूर्ण प्रयास करेंगे।
Source: Barmer News