जोधपुर.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जालोर जिले के सायला में 45 हजार रुपए रिश्वत लेते सायला थाने के एएसआइ को रविवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जबकि संदिग्ध भूमिका के चलते थानाधिकारी सवाईसिंह गायब हो गया। एसीबी की पाली व जोधपुर की संयुक्त टीम थानाधिकारी की तलाश कर रही है।
एसीबी के उप महानिरीक्षक विष्णुकांत ने बताया कि जालोर जिले में सायला तहसील के खारी गांव निवासी हनुमानराम पुत्र जालाराम जाट के खिलाफ सायला थाने में गत 29 मार्च और 3 अप्रेल को दो अलग-अलग मामले दर्ज कराए गए थे। पहले वाले मामले में एफआर व 3 अप्रेल को दर्ज बलवा व जानलेवा हमले के मामले में मदद करने की एवज में थाने के एएसआइ बाबूलाल राजपुरोहित ने हनुमानराम जाट से पचास हजार रुपए रिश्वत मांगे। जिसकी शिकायत उसने एसीबी से की।
एसीबी ने शनिवार को गोपनीय सत्यापन कराया तो एएसआइ ने पांच हजार रुपए ले लिए और शेष 45 हजार रुपए रविवार को लेना तय किया। शेष राशि लेने के लिए एएसआइ बाबूलाल ने हनुमानराम को रविवार दोपहर बाद थाने से कुछ दूरी पर रेस्टोरेंट के पास बुलाया, जहां हनुमानराम ने उसे 45 हजार रुपए दिए। इतने में इशारा मिलते ही एसीबी पाली के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपतचन्द्र ने वहां दबिश दी और एएसआइ को रंगे हाथों पकड़ लिया। उसकी पेंट की जेब से रिश्वत राशि बरामद की गई। चूंकि रिश्वत राशि अधिक है इसलिए एसीबी को थानाधिकारी की सहमति होने का संदेह हुआ।
मोबाइल पर थानाधिकारी से कराई बात
एएसआइ के पकड़ में आते ही एसीबी को थानाधिकारी सवाईसिंह की भूमिका पर संदेह हुआ। एसीबी ने एएसआइ की मोबाइल पर थानाधिकारी से बात कराई व रिश्वत लेने की जानकारी दी। थानाधिकारी की भूमिका सामने आने पर एसीबी जोधपुर के भोपालसिंह लखावत व एसीबी पाली सायला थाने पहुंचे, लेकिन तब तक थानाधिकारी सवाईसिंह गायब हो चुका था। जिसकी तलाश की जा रही है। एसीबी कार्रवाई से थाने में हड़कम्प मच गया और पुलिसकर्मी इधर-उधर गायब हो गए।
Source: Jodhpur