बाड़मेर. सरकार ने एक तो वरिष्ठ अध्यापकों ग्यारहवीं, बारहवीं कक्षाओं को पढ़ाने का जिम्मा दे दिया और ऊपर से अब नोटिस भी थमा दिए कि आपके विषय का परिणाम कम रहा है।
यह परेशानी जिले के १७ वरिष्ठ को सहनी पड़ रही है, क्योंकि उनकी स्कू ल में व्याख्याता नहीं है और उन्हें उच्च कक्षाओं को पढ़ाना पड़ रहा है। जिले सहित प्रदेश के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी विषय के व्याख्याताओं के पद स्वीकृत नहीं होने से ११वीं व १२वीं कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ अध्यापकों को दे दी गई है। जबकि एेच्छिक विषय का शिक्षण व्याख्याता ही करवा रहे हैं। वरिष्ठ अध्यापक दसवीं तक की कक्षाओं को ही पढ़ाते हैं।
बावजूद इसके सरकारी आदेश पर वरिष्ठ व्याख्याता ग्यारहवीं व बारहवीं की कक्षाओं को पढा रहे हैं, लेकिन अब बोर्ड परिणाम कम रहने पर १७ वरिष्ठ अध्यापकों को व्याख्याता पद के तहत नोटिस जारी किए गए हैं।
न्यूनतम परिणाम पर नोटिस- निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर ने सत्र २०१९-२० में कक्षा दसवीं व बारहवीं का परिणाम विभागीय मापदंड से न्यूनतम रहने पर नोटिस जारी किए हैं। कारण बताओ नोटिस में पन्द्रह दिन में जवाब मांगा गया है। प्रदेश में ९८२ जनों को नोटिस जारी किए गए हैं जिसमें जिले के ३५ व्याख्याता है। इनमें से जिले में १३ जने एेसे हैं जो वरिष्ठ अध्यापक है जो व्याख्याता का कार्यभार संभाल रहे हैं जिनको नोटिस जारी किए हैं।
१२९ प्रधानाचार्य को भी नोटिस- माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीकानेर की ओर से प्रदेश के १२९ प्रधानाचार्य को भी कम परिणाम पर नोटिस जारी किए गए हैं। इनसे भी पन्द्रह दिन में कारण बताते हुए जवाब देने को कहा गया है। जिले में इन विद्यालयों के वरिष्ठ अध्यापकों को मिले नोटिस– जिले में व्याख्याता की जगह सेवाएं दे रहे १३ वरिष्ठ अध्यापकों को न्यूनतम परिणाम पर नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें से राउमावि भिंयाड़, चोचरा, रेडाणा, खलीफे की बावड़ी, खबडाला, झांपली कला, खारा राठौड़ान, जसाई, खारी, हरपालिया, भाटा, सज्जनका पार व पंऊ के वरिष्ठ अध्यापक शामिल हैं। ये वे वरिष्ठ शिक्षक है जो व्याख्याता पद सृजित नहीं होने पर अपने विषय के साथ ११वीं, १२वीं में अंग्रेजी का अध्यापन करवा रहे हैं।
कुछ एेसे वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता भी है जो किसी विषय का पद रिक्त होने के कारण दूसरे विषय का भी अध्ययन करवा रहे हैं। वरिष्ठ अध्यापकों को उच्च माध्यमिक कक्षाओं में परिणाम कमजोर रहने पर नोटिस देने गलत है।– मनीष कालेर,प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा
Source: Barmer News