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जोधपुर.
स्मैक व ड्रग्स के अन्य नशे की दलदल में फंसे युवाओं को बाहर निकालने व अपराध में कमी लाने के उद्देश्य से पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन ‘तौबाÓ के तहत चार दिन में अब तक १५० लोगों को पकड़ा जा चुका है। इनमें एमबीबीएस छात्र, इंजीनियर, अधिवक्ता, शिक्षक, बीटेक व प्रतियोगी परीक्षा की तैयारियों में जुटे छात्र और जेल से निलम्बित चल रहे जेल प्रहरी व पुलिस के जवान तक शामिल हैं। निर्धन व निम्न तबकों के बीच ड्रग्स की तलाश में इनकी हालत देख पुलिस भी हैरत में है।

मेडिकोज के पिता बोले, जोधपुर आकर छुड़ाऊंगा नशा
पुलिस ने रातानाडा क्षेत्र में नशे के एक ठिकाने से गुरुवार को १९ व्यक्तियों को पकड़ा था। जो स्मैक व गांजे के नशे में चूर थे। इनमें जयपुर का एक मेडिकोज भी था। जो जोधपुर में एबीबीएस अंतिम वर्ष का छात्र है। पुलिस को देख वह हाथ जोडऩे लग गया। उसने खुद को मेडिकल छात्र बताया। पुलिस उसे थाने लाई व मित्र व परिजन से सम्पर्क कर जानकारी दी। पिता ने पुलिस से कहा कि वे जोधपुर आ रहे हैं और पुत्र को नशा छुड़ाएंगे। वहीं, उसे लेने के लिए थाने पहुंचे सहपाठी मेडिकोज पुलिस से विनती करने लगे कि किसी भी तरह डराकर उसकी नशे की लत छुड़ाएं। अन्यथा जीवन खराब हो जाएगा। नशा न करने के लिए पाबंद कर उसे मित्र संग भेजा गया।

जेल के दो निलम्बित प्रहरी व पुलिसकर्मी भी नशे की जद में
अब तक नशे में लिप्त १५० लोग पकड़ गए हैं। इनमें ४० प्रतिशत निर्धन व जैसे-तैसे कमाकर गुजर-बसर कर वाले हैं। शेष छात्र, अधिवक्ता, पुलिसकर्मी, जेल प्रहरी, इंजीनियर व शिक्षक और संभ्रात नजर आने वाले निकले। राजसमन्द जिले में भीम व कोटा जेल से निलम्बित दो प्रहरी और पुलिस कमिश्नरेट के दो सिपाही भी ड्रग्स के नशे में थे। पुलिस ने एक अधिवक्ता को पकड़ा तो वह अपना परिचय पत्र निकालकर दिखाने लगा। बाद में उसके भी परिजन बुलाकर पाबंद कराया गया।

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‘ड्रग्स में लिप्त युवाओं को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन तौबा शुरू किया गया है। अब तक कई तरह के लोगों को पकड़ा है। इनकी लिस्टिंग व जानकारी जुटाई जा रही है। जिसका विश्लेषण करने के बाद और सुधार के प्रयास किए जाएंगे। नशा बेचने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।Ó
भुवन भूषण यादव, पुलिस उपायुक्त (पूर्व) जोधपुर।

Source: Jodhpur

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