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रायपुर. गोधन न्याय योजना, गोठानों की व्यवस्था और गोबर-धन परियोजना का अवलोकन व अध्ययन करने के लिए राजस्थान के 12 आईएएस अफसर छत्तीसगढ़ आए हुए हैं। प्रवास के दूसरे दिन शुक्रवार को धमतरी और दुर्ग जिले के गांवों का दौरा कर गोठानों, गोधन न्याय योजना एवं गोबर-धन परियोजनाओं अवलोकन-भ्रमण किया।

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राजस्थान के आईएएस अफसरों ने इस दौरान ग्रामीणों, महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाओं और गोठान समितियों के सदस्यों से मुलाकात कर योजना के क्रियान्वयन के संबंध में विस्तार से चर्चा की। टीम ने छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों, किसानों के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इन योजनाओं को उपयोगी और प्रभावी बताया।
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बता दें छत्तीसगढ़ सरकार की सुराजी गांव योजना के नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी विकास कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना और गांवों के गोठानों में संचालित आयमूलक गतिविधियों की चर्चा पूरे देश में हो रही है। ये योजनाएं छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों, किसानों और महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो रही हैं। गोधन न्याय योजना से पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के साथ पशुपालकों को मिलने वाले सीधे लाभ और महिलाओं के स्वावलंबन ने सभी का ध्यान खीचा है।
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राजस्थान से आए अधिकारियों में सचिव पंचायत राज मंजू राजपाल, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन विश्वमोहन शर्मा, जिला पंचायतों के सीईओ डॉ. अंजली राजोरिया, इन्द्रजीत यादव, पूजा कुमारी पार्थ, जसमीत सिंह संधू, श्रीनिधि बी.टी., श्वेता चौहान, गौरव सैनी, डॉ. सोम्या झा, प्रभारी अधिकारी एसबीएम ग्रामीण, पराग चौधरी एवं राज्य नोडल अधिकारी गोबरधन परियोजना विजय कुमार शर्मा शामिल हैं।

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Source: Jodhpur

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